Highlights
- आवक तेज होने से टमाटर के भाव में जल्द आएगी कमी
- गुजरात के बोडेली में टमाटर के दाम सबसे कम 23 रुपए प्रति किलो दर्ज किए गए
- दिसंबर के पहले हफ्ते में सब्जियों के दाम में कमी आने देखने को मिल सकती है
नई दिल्ली। लगातार बढ़े रहे टमाटर के दाम से लोगों को अब राहत मिलने वाली है। देश के कई शहरों में टमाटर के खुदरा दाम 50 रुपए प्रति किलो से कम हो गए हैं। मार्केट के जानकारों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में आवक तेज होने से टमाटर के भाव में कमी आने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि दिसंबर के पहले हफ्ते में मंडियों में सब्जियों के दाम में कमी आने देखने को मिलेगी। शुक्रवार को देश के कई हिस्सों में टमाटर के खुदरा दामों में भारी कमी देखी गई।
जानिए 23 रुपए प्रति किलो कहां है टमाटर के दाम
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, शुक्रवार (26 नवंबर, 2021) को गुजरात के बोडेली में टमाटर के दाम सबसे कम 23 रुपए प्रति किलो दर्ज किए वहीं गुजरात के वापी में 30 रुपए और राजकोट-सूरत में 40 रुपए, हिसार में 35 रुपए, यूपी के झांसी में 42 रुपए, ग्वालियर में 37 रुपए, कानपुर में 40 रुपए, मध्य प्रदेश के उज्जैन में 38 रुपए, मुरैना में 43 रुपए, महाराष्ट्र के पुणे में 46 रुपए, नासिक में 47 रुपए, राजस्थान के बीकानेर में 37 रुपए, बिहार के अररिया में 39 रुपए, नवादा में 42 रुपए और झारखंड के रांची में 40 रुपए प्रति किलो टमाटर बिक रहा है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अभी टमाटर के दाम 75 रुपए प्रति किलो हैं और दिल्ली से सटे गुरुग्राम में 90 रुपए प्रति किलो हैं।
इसलिए बढ़ीं टमाटर की कीमतें
बता दें कि, खुदरा बाजार में टमाटर की कीमत लगभग 80 से 90 रुपए प्रतिकिलो है, लेकिन थोक मंडियों में कीमतें आधी हो गई हैं। दक्षिणी राज्यों में अधिक बारिश और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बाद नवंबर के शुरुआत में टमाटर के दामों में तेजी देखने को मिल रही है। बताया जा रहा है कि टमाटर की ज्यादातर सप्लाई दक्षिणी राज्यों से हो रही है और इन राज्यों में बारिश के कारण फसल को काफी नुकसान हुआ है। इस वजह से टमाटर के दामों में उछाल देखने को मिल रहा है। इसकी एक दूसरी वजह यह भी है कि शादियों के सीजन के चलते टमाटर की मांग बढ़ी है जिस कारण दामों में बढ़ोतरी हुई है। बेमौसम बारिश से खेतों में लगी टमाटर की फसल खराब होने से बाजार में मांग की अपेक्षा आपूर्ति कम हुई है।