नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में टमाटर की कीमतें बुधवार और गुरुवार को 90 और 100 रुपए किलो तक पहुंच गईं। वहीं राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर 60 से 70 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। देश के कई हिस्सों में टमाटर की कीमतें शतक लगा चुकी हैं। टमाटर उत्पादक राज्यों में भारी बारिश की वजह से तकरीबन 70 फीसदी फसल बर्बाद हो गई है। इसी वजह से टमाटर की कीमतों में अचानक यह तेजी आई है।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि यदि टमाटर की आवक सामान्य नहीं हुई तो इसकी कीमत सौ के भी पार चली जाएगी। व्यापारी इसके पीछे टमाटर की धीमी आवक को प्रमुख कारण बता रहे हैं। स्थानीय आवक बिल्कुल नहीं होने से टमाटर की कीमत आसमान छू रही है। छत्तीसगढ़ सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी का कहना है कि टमाटर की कीमतों में वृद्धि के पीछे मुख्य वजह मांग ज्यादा और आपूर्ति कम होना है। बाजार में लोकल आवक नहीं के बराबर है।
उन्होंने कहा बारिश के चलते दिक्कत हो रही है। इसलिए लगातार कीमतों में इजाफा हो रहा है। ऐसी स्थिति आने वाले एक-दो महीनों तक रह सकती है। दीवाली के बाद ही स्थिति सामान्य होगी।
कीमत बढ़ने के क्या हैं कारण
टमाटर की कीमतें बढ़ने का सबसे बड़ा कारण उत्पादक राज्यों में भारी बारिश है। अत्यधिक बारिश के कारण जहां टमाटर की फसल बर्बाद हो गई है, वहीं सड़कें टूटने या खराब होने के कारण इसकी आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस वजह से अधिकांश बाजारों में इसकी उपलब्धता काफी कम हो गई है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, झारखंड टमाटर के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।