नई दिल्ली। बरसात के कारण कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में फसल के बर्बाद होने के कारण देश के अधिकांश खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमतें 60 से 75 रुपए किलो की ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। हालांकि, कुछ भागों में बरसात घटने के कारण इस फसल के मंडी तक परिवहन होने के कारण आने वाले दिनों में आपूर्ति में सुधार होने की उम्मीद है। सरकारी आंकड़ों के टमाटर की कीमत में पिछले दो सप्ताह में तेजी आई है। कोलकाता में यह 75 रुपए किलो के भाव पर बिक रहा है, जबकि दिल्ली में यह 70 रुपए किलो, चेन्नई में 60 रुपए और मुंबई में 59 रुपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध है।
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशक (बागवानी) ए के सिंह ने बताया कि,
निरंतर बरसात ने न केवल कर्नाटक जैसे बड़े उत्पादक राज्यों में टमाटर फसल को क्षतिग्रस्त किया है बल्कि इसके परिवहन को भी प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा कि राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक में बरसात का स्तर कम हुआ है जिसके कारण उत्पादकों और व्यापारियों को कुछ राहत मिली है। इस राज्य से आपूर्ति सुधरनी शुरू होगी। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नजदीक के कुछ इलाके अभी भी बरसात से प्रभावित हैं जबकि दिल्ली के पास के पश्चिमी क्षेत्र में स्थिति में सुधार है। मध्य प्रदेश से मिली-जुली खबर है।
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सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में इस खरीफ फसल के क्षतिग्रस्त होने की मात्रा का आकलन करना मुश्किल है। लेकिन इन राज्यों में खेती का काफी रकबा टमाटर फसल के दायरे में है तथा खराब आधारभूत ढांचे और परिवहन की स्थिति के कारण आपूर्ति मंडी तक नहीं पहुंच रही है। सरकारी अनुमान के अनुसार देश का टमाटर उत्पादन फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में 15 प्रतिशत अधिक यानी 187 लाख टन होने का अनुमान है।