नई दिल्ली। इस बार त्योहारी सीजन में आपके मुंह का स्वाद बिगड़ने वाला है क्योंकि अब दाल और सब्जी फ्राई करने से पहले आपको एक बार सोचना पड़ेगा। दरअसल, नवरात्र के बाद फिर से प्याज के दाम आसमान छूने लगे हैं, वहीं राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर का खुदरा मूल्य उछलकर 80 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है। नवरात्र बाद प्याज की खपत बढ़ गई है, जबकि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध को लेकर महाराष्ट्र के किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन के कारण मंडियों में प्याज की आवक कम हो रही है। देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में बुधवार को प्याज का खुदरा दाम 50-70 रुपए प्रति किलो था। वहीं, दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 30-45 रुपए प्रति किलो था।
इसलिए बढ़ रहे टमाटर के दाम
बताया जा रहा है कि कर्नाटक समेत प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में भारी बारिश की वजह से आपूर्ति बाधित होने से टमाटर की कीमतों में तेजी आयी है। बता दें कि मदर डेयरी के सफल आउटलेट्स पर टमाटर 58 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है, जबकि अन्य खुदरा कारोबारी इसे गुणवत्ता और स्थान के हिसाब से 60 से 80 रुपए प्रति किलो की दर पर बेच रहे हैं। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में टमाटर की औसत खुदरा कीमत बुधवार को बढ़कर 54 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई, जबकि एक अक्टूबर को इसका भाव 45 रुपए प्रति किलो पर था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अन्य महानगरों में भी टमाटर की खुदरा कीमत अधिक बनी हुई है। कोलकाता में टमाटर का खुदरा मूल्य 60 रुपए प्रति किलो, मुंबई में 54 रुपए प्रति किलो और चेन्नई में 40 प्रति किलो चल रहा है।
नई फसल की आवक के बाद ही घटेंगे प्याज के दाम
ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि नवरात्र के बाद अब प्याज की खपत बढ़ गई, जबकि आवक खपत के मुकाबले कम है। देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक क्षेत्र महाराष्ट्र के नासिक में प्याज का थोक भाव 32-38 रुपये प्रति किलो था। नासिक के प्याज कारोबारी महेश ने बताया कि बुधवार को प्याज के थोक भाव में दो-चार रुपए प्रति किलो का इजाफा हुआ। वहीं, दिल्ली की आजादपुर मंडी में दो दिनों में प्याज के थोक भाव में पांच रुपए प्रति किलो से ज्यादा की वृद्धि हुई है। आजादपुर एपीएमसी की कीमत सूची के अनुसार, दिल्ली में बुधवार को प्याज का थोक भाव 20-40 रुपए प्रति किलो था जबकि आवक 557.6 टन थी। राजेंद्र शर्मा ने बताया कि इस समय दिल्ली में प्याज की रोजाना खपत 1,000 टन से अधिक है। कारोबारियों ने बताया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश से प्याज की नई फसल की आवक शुरू हो गई और अगले महीने तक नई फसल की आवक जोरों पर होगी, तब कीमतों में गिरावट आ सकती है। यही कारण है कि किसान प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं।
सरकार कर चुकी है ये सब उपाय
नवरात्र से पहले देशभर में प्याज के दाम में बेतहाशा वृद्धि होने पर केंद्र सरकार ने इसकी कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए लगातार कई कदम उठाए। सरकार ने पिछले महीने 29 सिंतबर को जारी एक अधिसूचना के जरिए प्याज के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही, व्यापारियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा तय कर दी। देश भर में प्याज के खुदरा व्यापारियों पर 100 क्विंटल और थोक व्यापारियों पर 500 क्विंटल की स्टॉक सीमा तय की गई। इससे पहले, केंद्र सरकार की एजेंसियों के बफर स्टॉक से खुले बाजार में प्याज की बिक्री शुरू कर दी गई। सरकार के इन कदमों से प्याज के दाम में गिरावट आई, लेकिन नवरात्र का त्योहार समाप्त होते ही फिर दाम बढ़ने लगा है।
इससे पहले 13 सितंबर, 2019 को प्याज के निर्यात पर 850 डॉलर (एफ.ओ.बी) प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया गया था। मंत्रालय के अनुसार, रबी 2019 सीजन के दौरान नाफेड के माध्यम से सरकार द्वारा लगभग 56,700 टन का बफर स्टॉक बनाया गया था। गौरतलब है कि बफर स्टॉक के 56,700 टन प्याज में से 18,000 टन प्याज को दिल्ली सहित विभिन्न बाजारों में उतारा गया है।सहकारी समितियों नाफेड, एनसीसीएफ और मदर डेयरी के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा प्याज की आपूर्ति बढ़ाने की वजह से दिल्ली के खुदरा बाजारों में प्याज की कीमत 60 रुपए प्रति किलो से नीचे आ गई है। बता दें कि ये सहकारी समितियां 23.90 रुपए प्रति किलो की सस्ती दर पर प्याज बेच रही हैं। हालांकि, खुदरा बाजार में कीमत अभी भी अधिक है। ये संस्थाएं केंद्र सरकार द्वारा रखे गए बफर स्टॉक से प्याज बेच रही हैं।