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मोदी सरकार की फ्लैगशिप स्कीम मुद्रा योजना पास या फेल? टीएमसी ने उठाई समीक्षा की मांग

तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने राज्यसभा में मंगलवार को मुद्रा योजना की समीक्षा किए जाने की मांग की

Edited by: Bhasha
Published on: December 10, 2019 14:03 IST
Mudra Scheme- India TV Paisa

Mudra Scheme

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लिए गए ऋण के भुगतान में चूक के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने राज्यसभा में मंगलवार को इस योजना की समीक्षा किए जाने की मांग की ताकि लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र को बचाया जा सके। उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के मनीष गुप्ता ने छोटे उद्योगों के लिए ऋण मुहैया कराने के उद्देश्य से 2015 में शुरू की गई केंद्र सरकार की मुद्रा योजना में बढ़ते एनपीए (गैर निष्पादित आस्तियां) पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि न केवल यह 16 करोड़ रुपये हो गया बल्कि एनपीए के खाते भी बढ़ गए हैं। 

उन्होंने कहा ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को इस योजना की वजह से खासा नुकसान हुआ है। जालसाजी के 2,300 से अधिक मामलों का पता चला है। ’’ गुप्ता ने कहा ‘‘इस ऋण में एनपीए खाते बढ़ते जा रहे हैं। साल 2018 में 17.99 लाख खाते थे जो एक साल में बढ़ कर 30.57 लाख हो गए। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एनपपीए 7.07 लाख करोड़ रुपये है। यह आंकड़ा 100 फीसदी से अधिक बढ़ा है।’’ 

उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने सलाह दी है कि मुद्रा ऋण के तहत बढ़ते एनपीए का शीघ्र एवं ठोस समाधान निकाला जाना चाहिए। इस वित्त वर्ष में मुद्रा योजना के तहत 1.41 लाख करोड़ रुपये का ऋण  दिया गया है। गुप्ता ने कहा कि सूत्रों ने दावा किया है कि बैंकों पर मुद्रा रिण ऐसे लोगों को देने का भी दबाव है जिनके पास कारोबार की कोई योजना नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि यह खस्ताहाल अर्थशास्त्र और कमजोर कार्यान्वयन का एक और उदाहरण है। गुप्ता ने सरकार से मुद्रा योजना की समीक्षा करने की मांग की ताकि एमएसएमई क्षेत्र को बचाया जा सके। 

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