तिरुपति। आंध्रप्रदेश के तिरुपति स्थित दुनिया के सबसे अमीर हिंदु मंदिर तिरुपति बालाजी के पास 9,000 किलो से अधिक का स्वर्ण भंडार है। यह जानकारी मंदिर के अधिकारियों ने स्वयं दी है। श्री वेंकटेश्वर मंदिर के प्रबंधक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) का 7,235 किलो सोना विभिन्न जमा योजनाओं के तहत देश के दो राष्ट्रीयकृत बैंकों के पास जमा है। इस मंदिर में रोजाना 50,000 तीर्थयात्री पहुंचते और मंदिर की सालाना आमदनी 1,000 करोड़ रुपए से लेकर 1,200 करोड़ रुपए है।
टीटीडी के खजाने में 1,934 किलो सोना है, जिसमें पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से पिछले महीने वापस किया गया 1,381 किलो सोना शामिल है। पीएनबी ने यह सोना तीन साल की जमा योजना की परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद लौटाया था। टीटीडी बोर्ड को अब यह तय करना है कि 1,381 किलो सोना किस बैंक में जमा करना है।
सूत्रों के अनुसार, बोर्ड सोने की विभिन्न जमा योजनाओं का अध्ययन कर रहा है और जिसमें ज्यादा रिटर्न मिलेगा उसमें यह सोना जमा किया जाएगा। टीटीडी के खजाने में बाकी 553 किलो सोने में श्रद्धालुओं के चढ़ावे के छोटे-छोटे आभूषण शामिल हैं।
टीटीडी अक्सर सोने की जमा का ब्योरा देने से बचता है, लेकिन पिछले महीने तमिलनाडु में चुनाव अधिकारियों द्वारा 1,381 किलो सोना जब्त किए जाने के बाद संस्था ने सोने के बारे में ब्योरा पेश किया। सोना तमिलनाडु के तिरुवल्लुर जिले में 17 अप्रैल को उस समय जब्त किया गया, जब इसे पीएनबी की चेन्नई शाखा से तिरुपति स्थित टीटीडी के खजाने में ले जाया जा रहा था।
आरंभ में टीटीडी ने जब्त किया गया सोना उसका होने की बात से इनकार कर दिया और कहा कि उसे यह भी नहीं मालूम कि मंदिर का सोना वापस आ रहा था। लेकिन विवाद बढ़ने पर अपने रुख का बचाव करते हुए मंदिर ने कहा कि सोना जब तक टीटीडी के खजाने में नहीं पहुंच जाता तब तक वह उसका सोना नहीं है। पीएनबी द्वारा आयकर विभाग को कागजात सौंपे जाने के दो दिन बाद सोना टीटीडी के खजाने में पहुंच गया। बैंक ने सोना तिरुपति मंदिर का होने और उसे मंदिर भेजे जाने संबंधी कागजात आयकर विभाग को दिए थे।
टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल पूरे ब्योरे के साथ आए क्योंकि मुख्य सचिव एल.वी. सुब्रह्मण्यम ने सोना ले जाने में हुई गड़बड़ी की जांच का आदेश दिया था। इस मंदिर को बालाजी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। मंदिर का 1,311 किलो सोना 2016 में पीएनबी के पास जमा किया गया था। बैंक ने ब्याज में 70 किलो सोना के साथ जमा सोना वापस किया था।
टीटीडी ने बताया कि उसका 5,387 किलो सोना भारतीय स्टेट बैंक के पास जमा है और 1,938 किलो सोना इंडियन ओवरसीज बैंक के पास जमा है। पिछले दो दशक से टीटीडी अपना सोना कई सरकारी बैंकों में विभिन्न जमा योजनाओं के तहत जमा रखता है।