नई दिल्ली। सरकार ने मकान खरीदारों के हितों की रक्षा के लिये आवास परियोजनाएं पूरी करने को लेकर समयसीमा छह महीने के लिये बढ़ा दी है। इसके जरिये यह सुनिश्चित किया गया है कि कुछ देरी हो लेकिन मकान खरीदरों को फ्लैट मिल जाए। कोविड-19 महामारी के कारण निर्माण कार्य प्रभावित होने को देखते हुए यह राहत दी गयी है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने समाचार फाउंडेशन के निदेश्क बी एन कुमार के आवेदन पर कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण रीयल एस्टेट परियोजनाओं पर जो काम हो रहा था, वह थम गया।’’ पत्र में कहा गया है कि श्रमिकों के बड़े पैमाने पर अपने घरों को लौटने तथा सामानों की आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरीके से प्रभावित होने से निर्माण कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ा।
गैर-सरकारी संगठन द्वारा मीडिया को जारी पत्र में पीएमओ ने कहा, ‘‘श्रमिकों के अक्टूबर-नवंबर में होने वाले त्योहारों से पहले लौटने की संभावना कम है। ऐसे हालात में रीयल एस्टेट परियोजनाओं को पूरी तरह से काम शुरू करने में समय लगेगा। निश्चित रूप से इससे परियोजनाओं को पूरा करने में विलम्ब होगा। इससे जिम्मेदारी को समय पूरा नहीं करने को लेकर कानूनी विवाद खड़े हो सकते हैं। फलत: परियोजनाएं अटक सकती हैं या दबाव में फंस सकती हैं।’’ पत्र के अनुसार सभी पक्षों खासकर मकान खरीदारों के हितों को ध्यान में रखकर तथा मकान खरीदरों को फ्लैट की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने राज्यों ओर रेरा (रीयल एस्टेट नियमन एवं विकास कानून) को कानून के तहत आपात स्थिति की व्यवस्था लागू करने की सलाह दी। इसमें कहा गया है कि कोविड-19 के करण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए अबतक 23 राज्यों के रेरा ने परियोजनाओं का पंजीकरण छह महीने के लिये आगे बढ़ाया है। वहीं एक राज्य ने परियोजनाओं को पूरा करने के लिये नौ महीने का अतिरिक्त समय दिया है।
पीएमओ ने यह भी कहा कि आरबीआई ने कोविड-19 संकट को देखते हुए कर्ज लौटाने के लिये अगस्त तक छह महीने की मोहलत दी है। पत्र में कहा गया है, ‘‘इन उपायों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि परियाजनाएं महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं के कारण अटके नहीं और मकान खरीदारों को कुछ देरी से ही सही, फ्लैट और मकान की आपूर्ति हो।’’ रीयल एस्टेट क्षेत्र को पटरी पर लाने की मांग पर पीएमओ ने कहा कि सुझाव पर गौर किया गया है और उपयुक्त कदम उठाये जाएंगे।