नई दिल्ली। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने रविवार को कपड़ा उद्योग से नये माहौल में खुद को ढालने और सरकार से वित्तीय पैकेज मांगना बंद करने को कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सरकार के खजाने पर पहले से अच्छा-खासा दबाव है। उन्होंने मर्चेन्ट्स चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के सदस्यों के साथ बातचीत में कहा कि उद्योग के लिये यह समय आत्ममंथन का है। कपड़ा उद्योग पैकेज या समर्थन की मांग कर रहा है। अब समय नई दिशा और नई सोच का है। उद्योग के पास क्षमता है। अगर वे नये माहौल में खुद को ढालते हैं, उन्हें किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।
ईरानी ने डाक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिये पिछले डेढ़ महीने में पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) बनाये जाने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कपड़ा कंपनी जेसीटी समूह ने ‘लॉकडाउन’ (बंद) के दौरान पंजाब में पीपीई के नमूनों की जांच के लिये औरंगाबाद स्थित प्रयोगशालाओं में भेजने में मदद का आग्रह किया और इसके लिये सरकार ने कंपनी की मदद की। कपड़ा मंत्री ने उद्योग मंडल के सदस्यों से कहा कि जो आप पैसे की उम्मीद करते हैं, वह लोगों का पैसा है और अब नागरिक एक-एक पाई का हिसाब मांगते हैं।
ईरानी ने कहा कि सरकार का काम नीति बनाना और समर्थन उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी ओर से मदद के लिये हर संभव उपाय कर रही है। रिजर्व बैंक पहले ही छूट दे चुका है और बैंक कंपनियों को संकट से पार पाने में मदद कर रहे हैं। ईरानी ने कहा कि कपड़ा मंत्रालय जूट उद्योग की मदद के लिये कार्य योजना तैयार करने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जूट बोर्ड जूट की गुणवत्ता में सुधार के लिये उपायों पर गौर कर रहा है। उद्योग को अपने लाभ का एक हिस्सा जूट की गुणवत्ता में सुधार को लेकर आधुनिकीरण में लगाने की जरूरत है।