नई दिल्ली। बैंगलुरु के रहने वाले पॉल डिसूजा ने नेत्रहीन व्यक्तियों की मदद के लिए एक ऐसा डिवाइस विकसित किया है जिसके जरिए वह करंसी नोट्स की पहचान कर सकते हैं। यह डिवाइस पीवीसी से बना है जो क्रेडिट कार्ड की तरह दिखता है। इसके ऊपर नोट को रखकर नेत्रहीन व्यक्ति किसी भी नोट को आसानी से पहचान सकते हैं। जैसे 10 रुपए और 20 रुपए के नोट की लंबाई एक होती है, लेकिन इनकी चौड़ाई अलग-अलग होती है। पहचान करने के लिए इसपर नोट रखने पर अगर नोट दोनो साइड से बाहर निकलता है तो वह 20 रुपए का नोट है नहीं तो 10 रुपए का है। साथ ही इस डिवाइस पर ब्रेल में निर्देश लिखे हुए हैं। आपको बता दें कि 5 रुपए और 1000 रुपए के नोट इस टैंपलेट पर फिट नहीं होगें।
पॉल डिसूजा ने इस डिवाइस का नाम टिफी (Tiffy) रखा है। क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म fueladream.com सभी नेत्रहीन लोगों के लिए इसे फ्री में डिस्ट्रीब्यूट कर रहा है। पॉल का कहना है कि इस बेहद सस्ते डिवाइस की मदद से नेत्रहीन लोग किसी भी एप से भी तेज करंसी नोट की पहचान कर सकते हैं।
सभी भारतीय नोटों की एक सी चौड़ाई होती है, जिसकी वजह से नेत्रहीन लोगों को नोटों में अंतर करना थोड़ा कठिन होता है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने करंसी की छपाई के समय पर नोट को कुछ ऐसे निशान दिए हैं जिनको देखकर या छूकर आप भी महसूस कर सकते हैं। नेत्रहीन व्यक्ति इनको छूने से यह पता लगाने में समर्थ होता है कि नोट कितने का है। हर नोट के लिए एक निश्चित तरह का निशान तय किया गया है। तकनीकी भाषा में इसको करंसी का ब्रेल फीचर कहा जाता है।
तस्वीरों में देखिए करंसी नोट्स पर सिक्योरिटी फीचर्स
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नोट पर यह उभरा हुआ निशान सामने की ओर अशोक चक्र के ऊपर बाईं तरफ होता है। यह निशान 1000 से 20 तक के सभी नोटों पर होते हैं। केवल एक 10 का नोट ऐसा होता है जिस पर कोई निशान नहीं होता है। इसके अलावा 1000, 500, 100, 50, 20 हर नोट पर एक निश्चित तरह का निशान बना होता है।
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