हैदराबाद। गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज ने कहा कि जो लोग वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) पर चिंता जता रहे हैं और इसको थोड़ा टालने की बात कर रहे हैं, वे ऐसे लोग हैं जो टैक्स से बचना चाहते हैं। गोदरेज ने जीएसटी लागू करने की तारीख को एक जुलाई के बजाये एक अक्टूबर करने के कुछ उद्योगों के सुझाव को हास्यास्पद बताया।
गोदरेज ने कहा कि हर किसी के पास तैयारी के लिए नई कर व्यवस्था के अनुरूप बहुत समय है। पहले यह एक अप्रैल से लागू होना था और अब इसे एक जुलाई को आना है। मैंने पी. चिदंबरम पूर्व वित्त मंत्री का एक बयान देखा, उनके जीएसटी को एक अक्टूबर से लागू करने के सुझाव के बारे में मेरा मानना है कि यह बहुत ही हास्यास्पद होगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के पूर्व अध्यक्ष गोदरेज ने कहा कि सबसे पहली बात जीएसटी के लिए संविधान में किया गया संशोधन सितंबर में समाप्त हो जाएगा। इसलिए हमें इसमें और देरी नहीं करनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि जीएसटी के लिए किए गए संविधान संशोधन अधिनियम के अनुसार देश में अप्रत्यक्ष करों को समाप्त कर जीएसटी लाने की अंतिम तारीख 30 सितंबर तय की गई है। उसके बाद देश के सारे अप्रत्यक्ष कर इसी में समाहित हो जाएंगे।
गोदरेज ने कहा, बहुत से लोग इसको लागू करने की तिथि में स्थगन की मांग कर रहे हैं, ये प्रमुख तौर पर वे लोग हैं जो वर्तमान में कर अपवंचन कर रहे हैं और शिंकजे में आने से बचना चाहते हैं। गोदरेज ने इस बात पर जोर दिया कि देश के लिए जीएसटी बहुत अच्छा है और जुलाई से इसका क्रियान्वन करने से भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत से फायदे मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि इससे अप्रत्यक्ष करों का अपवंचन करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। इसलिए लोगों को इसका अनुपालन करना होगा और इसका मतलब है कि सरकार का राजस्व बढ़ेगा। गोदरेज ने कहा, मुझे उम्मीद है कि कर दरें पहले से कम होंगी। इससे ग्राहकों को मुख्य लाभ होगा और उपभोग बढ़ेगा और इसी से वृद्धि भी होगी। मुझे उम्मीद है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि डेढ़ से दो प्रतिशत तक बेहतर होगी। गौरतलब है कि जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की कर दरों को प्रावधान किया गया है।