नई दिल्ली। धनतेरस के मौके पर चांदी के सिक्के, गहनें और बर्तनों को खरीदने वाले निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। बुलियन मार्केट के विशेषज्ञ मानते हैं कि अगले एक साल में चांदी की कीमतों में 8 से 10 फीसदी तक की तेजी देखने को मिल सकती है। ऐसे में अगर आप इस साल धनतेरस और दिवाली के मौके पर चांदी के प्रोडक्ट में निवेश करते हैं तो अगले साल दिवाली तक मोटे रिटर्न की उम्मीद लगा सकते हैं।
चांदी से 8-10 फीसदी रिटर्न की उम्मीद
निर्मल बंग कमोडिटीज के हेड कुणाल शाह के मुताबिक 2016 के दौरान चांदी की कीमतों में तेजी की संभावना है। शाह के मुताबिक सोने की कीमतों में आई गिरावट के कारण फिलहाल चांदी पर दबाव नजर आ रहा है। लेकिन, इलेक्ट्रिकल,सोलर और विभिन्न उद्योगों से चांदी की मांग मजबूत है। ऐसे में साल के अंत तक चांदी की कीमतें 40,000 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती है। वहीं, अगले धनतेरस और दिवाली तक चालू स्तर से 8-10 फीसदी कीमतों में उछाल आ सकती है। औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की ओर से कमजोर मांग के चलते दिल्ली सर्राफा बाजार में चांदी की कीमत 37,000 रुपए प्रति किलो के नीचे आ गई है। शुक्रावार को चांदी 36,770 रुपए प्रति किलो के स्तर पर बंद हुई।
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लाइट वेट ज्वैलरी की बढ़ी डिमांड
ऑल इंडिया सर्राफा ज्वैलर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट एस के जैन ने बताया कि त्योहारी सीजन को देखते हुए ज्वैलर्स नए सिक्कों और लाइट वेट ज्वैलरी पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। इसकी वजह ट्रेंड में लाइट वेट ज्वैलरी का होना है। उन्होने यह भी बताया कि हर साल की तरह इस साल भी ज्वैलर्स ने अलग-अलग डिजाइन और वजन के सिक्के बनाए हैं। हालांकि, ग्रामीण इलाकों से मांग कमजोर रहने की वजह से त्योहारी सीजन के दौरान इस साल कम बिक्री की आशंका है।
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बीते वर्षों में चांदी भी नहीं अच्छा विकल्प
ग्लोबल स्तर बने समीकरण के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई है और इसका नकारात्मक असर चांदी पर भी पड़ा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2013 के दौरान चांदी की कीमतों में 20.60 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं, 2014 में भी यह सिलसिला जारी रहा है और निवेशकों को करीब 20 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन, विशेषज्ञ मानते हैं कि इस वर्ष 2016 में चांदी निवेशकों को निराश नहीं करेगी।