नई दिल्ली। स्टार्टअप्स सेक्टर में वर्ष 2018 के मध्य और अंत में एकबार फिर से निवेश गतिविधियों में उछाल देखने को मिला है, जो 2016-17 के दौरान धीमी पड़ गई थीं। 2018 में 8 स्टार्टअप्स ऐसे हैं, जो यूनिकॉर्न क्लब (एक ऐसी प्राइवेट कंपनी जिसका मूल्यांकन 1 अरब डॉलर से अधिक हो) में शामिल हुए हैं। अभी तक एक साल में इतने ज्यादा यूनिकॉर्न बनने का यह रिकॉर्ड है।
भारत में मौजूदा स्टार्टअप्स के पूंजी जुटाने के आखिरी चरण के दौरान उनका मूल्याकंन 2 से 7 गुना तक बढ़ा है। अभी तक उच्च मूल्यांकन की बदौलत ये कुछ स्टार्टअप्स हैं, जो 2019 में यूनिकॉर्न बन सकते हैं।
बिगबास्केट (BigBasket)
भारत में बिगबास्केट पहला ऐसा ग्रॉसरी स्टार्टअप है, जो जल्द ही यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होगा। इस साल फरवरी में अलीबाबा के नेतृत्व वाले निवेशक समूह से 30 करोड़ डॉलर का नया फंड जुटाने के बाद इसका मूल्याकंन 80 करोड़ डॉलर हो गया है। कंपनी ने बताया है कि अगले फंडिंग राउंड में उसका मूल्याकंन 1 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
- स्थापना वर्ष – 2011
- संस्थापक- अभिनय चौधरी, हरि मेनन, विपुल प्रकाश, वीएस सुधाकर
- कुल जुटाया गया धन – 88.57 करोड़ डॉलर
रिवीगो (Rivigo)
ट्रांसपोर्ट कंपनी रिवीगो के पास रिले-एस-ए-सर्विस मॉडल है, जहां ड्राइवर्स अपने बेस लोकेशन से 4-5 घंटे ड्राइव करते हैं और ट्रक को दूसरे ड्राइवर को सौंप देते हैं, वहां से वह अपने बेस लोकेशन पर दूसरा ट्रक लेकर आते हैं। इससे ड्राइवर्स को घंटों ड्राइव नहीं करना पड़ता है। इस स्टार्टअप का मौजूदा बाजार मूल्य 95 करो़ड़ डॉलर है और अगले राउंड में यह यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो जाएगा।
- स्थापना वर्ष – 2014
- संस्थापक – दीपक गर्ग, गजल कालरा
- कुल जुटाया गया धन – 18.06 करोड़ डॉलर
देल्हीवरी (Delhivery)
2011 में शुरू हुई देल्हीवरी ई-कॉमर्स क्षेत्र में सबसे बड़ी लॉजिस्टिक कंपनी बन गई है। मई 2017 में अपने अंतिम फंडिंग राउंड में 13 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने के बाद इसका मूल्याकंन 70-80 करोड़ डॉलर के बीच हो गया है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि अगले फंडिंग राउंड में सॉफ्टबैंक से इसे 25 करोड़ डॉलर की राशि मिल सकती है, जिससे इसका मूल्याकंन 1 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा। देल्हीवरी अगले साल आईपीओ लाने की भी योजना बना रही है।
- स्थापना- 2011
- संस्थापक- भावेश मंगलानी, कपिल भारती, मोहित टंडन, साहिल बरुआ, सूरज सहारन
- कुल जुटाया गया धन – 25.76 करोड़ डॉलर
बुकमाईशो (BookMyShow)
1999 में शुरू हुआ और 2007 में रि-लॉन्च किया गया। इस साल जुलाई में 10 करोड़ डॉलर का फंड जुटाने के बाद वर्तमान में इसका मूल्याकंन 80 करोड़ डॉलर हो गया है। वित्त वर्ष 2017-18 में इसके ऑपरेशन रेवेन्यू में 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। बुकमाईशो पर हर माह 1.3 करोड़ मूवी टिकट की बिक्री होती है।
- स्थापना- 1999
- संस्थापक- आशीष हेमराजानी, पारीक्षित डार, राजेश बालपांडे
- कुल जुटाया गया धन- 22.45 करोड़ डॉलर
प्रैक्टो (Practo)
सबसे ज्यादा फंडेड हेल्थटेक स्टार्टअप प्रैक्टो भारत में इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा मूल्याकंन वाला स्टार्टअप है। प्रैक्टो ने जनवरी 2017 में चीनी इंटरनेट कंपनी टेनसेंट से 5.5 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने के बाद इसका मूल्याकंन 60 करोड़ डॉलर हो गया है। भारत के अलावा प्रैक्टो ब्राजील, फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया और सिंगापुर में भी मौजूद है।
- स्थापना- 2008
- संस्थापक – अभिनव लाल, शशांक एनडी
- कुल जुटाया गया धन – 23.4 करोड़ डॉलर
ब्लैकबक (Blackbuck)
रिवीगो की प्रतिस्पर्धी और ट्रक लॉजिस्टिक के लिए मार्केटप्लेस ब्लैकबक भी यूनिकॉर्न बनने के करीब है। अपने मूल्याकंन को 1 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए 15 से 25 करोड़ की पूंजी जुटाने के लिए इन्वेस्टमेंट बैंकर जेपी मोर्गन को नियुक्त किया है।
- स्थापना – 2015
- संस्थापक – चाणक्य हृदय, राजेश याब्जी, रामासुब्रमण्यम बी
- कुल जुटाया गया धन – 13.52 करोड़ डॉलर
लेंसकार्ट (Lenskart)
बिगबास्केट और बुकमाईशो की तरह ही लेंसकार्ट ने भी आईवेयर स्टोर ऑनलाइन में एक नई कैटेगरी बनाई है। 2010 में शुरू हुए लेंसकार्ट का मूल्याकंन 50 करोड़ डॉलर है। वित्त वर्ष 2017-18 में इसका कुल राजस्व 310.98 करोड़ रुपए था।
- स्थापना – 2010
- संस्थापक – पीयूष बंसल, अमित चौधरी
- कुल जुटाया गया धन – 12.96 करोड़ डॉलर
ड्रूम (Droom)
ऑनलाइन ऑटोमोबाइल मार्केटप्लेस क्षेत्र में ड्रूम ने चार साल की अवधि में 55 करोड़ डॉलर का मूल्याकंन हासिल कर लिया है। शॉपक्लूज के पूर्व संस्थापक संदीप अग्रवाल ने ड्रूम की स्थापना की है। ड्रूम 1 अरब डॉलर वार्षिक जीएमवी और 2.3 करोड़ डॉलर का राजस्व हासिल करने के करीब है। इसकी टक्क्र कारदेखो, कारट्रेड और कार्स24 के साथ ही साथ ओएलएक्स और क्विकर से है।
- स्थापना- 2014
- संस्थापक – संदीप अग्रवाल
- कुल जुटाया गया धन- 12.3 करोड़ डॉलर
अर्बनक्लैप (UrbanClap)
रतन टाटा समर्थित अर्बनक्लैप ऑन-डिमांड होम सर्विस प्रदान करने वाला स्टार्टअप है। इस साल नवंबर में 5 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाने के बाद इसका मूल्याकंन 48 करोड़ डॉलर हो गया है। इस साल अप्रैल में इसने यूएई में भी अपनी सेवाएं शुरू की हैं।
- स्थापना- 2014
- संस्थापक – अभीरात बहल, राघव चंद्रा, वरुण खेतान
- कुल जुटाया गया धन – 11.07 करोड़ डॉलर
शेयरचैट (ShareChat)
स्वदेशी सोशल नेटवर्किंग शेयरचैट रीजनल यूजर्स के लिए फेसबुक की तरह है। सितंबर 2018 के फंडिंग राउंड के बाद इसका मूल्याकंन 46 करोड़ डॉलर हो गया है। कंपनी का दावा है कि 3.5 करोड़ मासिक सक्रिय यूजर्स इसके एप को 14 भारतीय भाषाओं में उपयोग कर रहे हैं।
- स्थापना – 2015
- संस्थापक – अंकुश सचदेवा, भानु सिंह, फरीद अहसान
- कुल जुटाया गया धन – 12.28 करोड़ डॉलर