नई दिल्ली। बढ़ते ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में लोगों के बीच ब्रांडेड प्रोडक्ट्स खरीदने की रुचि काफी बढ़ गई है और अधिकांश लोग किसी न किसी बड़े ब्रांड से किसी न किसी रूप में जुड़ा हुआ है। कपड़े से लेकर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, होम एप्लाइंसेस और मोबाइल तक आज सबमें ब्रांड हावी है। छोटी से छोटी चीजों में लोग अब सबसे पहले ब्रांड खोजते हैं। किसी प्रोडक्ट की ब्रांड वैल्यू उस पर कंज्यूमर के भरोसे से बनती है और यही वजह है कि ब्रांडेड प्रोडक्ट्स बाजार में अन्य प्रोडक्ट की तुलना में महंगे होते हैं। भारत में भी अपने कई ऐसे ब्रांड खड़े किए हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान है। लेकिन भारत में ही अधिकांश लोग ऐसे हैं जो इन ब्रांड्स के बारे में नहीं जानते और इन भारतीय ब्रांड्स को भी वे विदेशी समझते हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ भारतीय ब्रांड्स के बारे में बताते हैं, जो नाम से दो विदेशी हैं, लेकिन हैं पूरी तरह से भारतीय।
1. मोंटे कार्लो
यह एक सौ फीसदी भारतीय ब्रांड है। पंजाब के लुधियाना स्थित नाहर ग्रुप ऑफ कंपनीज (ओसवाल वूलन मिल) इस ब्रांड की मालिक है। ओसवाल वूलन मिल की स्थापना 1949 में विद्या सागर ओसवाल ने की थी। वर्तमान में उनके बेटे जवाहर लाल ओसवाल कंपनी के चेयरमैन हैं। यह होजरी और ऊनी कपड़े बनाने की बहुत पुरानी कंपनी है। प्रीमियम वूलन गारमेंट्स के लिए इसने अपना एक ब्रांड तैयार किया है, जिसका नाम मोंटे कार्लो है। इसकी मैनुफैक्चरिंग यूनिट लुधियाना में है। मोंटे कार्लो फैशन वियर और टेक्सटाइल क्षेत्र का एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का ब्रांड है, जिसे भारत के अलावा यूरोपियन और अमेरिकन देशों में खास पसंद किया जाता है।
2. एलन सौली
यह ब्रांड भारतीय कंपनी मदुरा फैशन एंड लाइफस्टाइल का है, जो की आदित्य बिड़ला ग्रुप की एक सब्सिडियरी है। इस ब्रांड के तहत एसेसरीज, फैशन वियर और फुटवियर उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके भारत के 29 राज्यों में कुल 293 आउटलेट्स हैं, जिनकी द्वारा इनकी बिक्री की जाती है।
3. पीटर इंग्लैंड
पीटर इंग्लैंड में मदुरा फैशन एंड लाइफस्आइल का ही एक ब्रांड है। इसके ब्रांड नाम से शर्ट, ट्राउजर, वॉलेट, टाई, आदि पूरी फैशन रेंज आती है। यह केवल मेंस के लिए है। वूमेंस के लिए इस ब्रांड से कोई भी प्रोडक्ट्स नहीं आता है।
4. लार्सन एंड टूब्रो
लार्सन एंड टू्ब्रो भारत की एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है, जो इंजीनियरिंग, कन्सट्रक्शन, मैन्युफैक्चरिंग और फाइनेंशियल सर्विस क्षेत्र में काम करती है। इसे एलएंडटी नाम से भी जाना जाता है। इसका हेडक्वार्टर मुंबई में है। यह कम्पनी भारत के साथ-साथ विदेशों में मिडिल ईस्ट और एशिया में भी हैं। एएम नाइक इसके ग्रुप चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।
5. रॉयल एनफील्ड
रॉयल एनफील्ड एक विदेशी कंपनी का प्रोडक्ट था, जो कि अब पूरी तरह से भारतीय है। एनफील्ड साइकिल कंपनी ने 1955 में मद्रास साइकिल कंपनी के साथ गठजोड़ कर मद्रास में पहला प्लांट लगाया था। 1971 में एनफील्ड साइकिल कंपनी दिवालिया हो गई और भारतीय कंपनी ने इसका रॉयल एनफील्ड ब्रांड नाम खरीद लिया। बुलट जिसका आज हर युवा दिवाना है, इसको बनाने वाली कंपनी रॉयल एनफील्ड अब पूरी तरह भारतीय है, जो की भारतीय कंपनी आयशर मोटर्स की एक सब्सिडियरी है। इसका मैन्युफैक्चरिंग प्लांट चेन्नई में है।
6. लक्मे
लक्मे एक भारतीय कॉस्मेटिक्स ब्रांड है, जिसका मालिकाना हक अब हिंदुस्तान यूनीलिवर के पास है। भारत में कॉस्मेटिक ब्रांड में लक्मे नंबर वन है। लक्मे की शुरुआत भारत में टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा ऑयल मिल्स (टोम्को) ने 1952 में की थी। प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने जेआरडी टाटा से भारत में ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने का आग्रह किया था, क्योंकि वह भारतीय महिलाओं द्वारा इंपोर्टेड ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर बढ़ते खर्च से खासे चिंतित थे, जिसकी वजह से बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च हो रही थी। 1996 में टाटा ने लक्मे को 200 करोड़ रुपए में हिंदुस्तान यूनीलिवर को बेच दिया।