नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि जीएसटी (GST) लागू होने के बाद लोगों को शुरू में कुछ परेशानियां हो सकती हैं लेकिन इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से कर चोरी कम करने और महंगाई रोकने में मदद मिलेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी परिषद अचल संपत्ति कारोबार को अगले साल तक नई कर प्रणाली के दायरे में लाने पर विचार करेगी। जेटली ने एक कार्यक्रम में कहा कि शुरू में लोगों को कुछ परेशानियां हो सकती हैं क्योंकि किसी भी बदलाव की अपनी कुछ परेशानियां होती हैं। लेकिन यह दूर होंगी तथा देश नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से लाभान्वित होगा।
वस्तु एवं सेवा कर एक जुलाई से लागू होगा तथा उसके अंतर्गत उत्पाद, सेवा शुल्क और वैट जैसे अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जाएंगे। केरोसिन, नाफ्था और एलपीजी जैसे उत्पाद जीएसटी के दायरे में लाए गए हैं, जबकि कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, विमान ईंधन, डीजल और पेट्रोल को शुरू के कुछ सालों के लिए जीएसटी से बाहर रखा गया है।
उन्होंने कहा, यदि हमने उस पर जोर दिया होता तो सहमति नहीं बन पाती। जेटली ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने के प्रस्ताव पक्ष में थे लेकिन कुछ अन्य राज्य इसके पक्ष में नहीं थे। उन्होंने कहा, तब यह तय किया गया कि पहले जीएसटी लागू होने दिया जाए और फिर एक साल बाद हम इसकी समीक्षा करेंगे।