नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि बैंक कर्ज देने को तैयार हैं, लेकिन ग्राहक कर्ज लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। पर्याप्त नकदी की स्थिति के बीच नए ऋण की मांग कम होने की वजह से बैंक जमा पर ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं।
कुमार ने कहा कि आज ग्राहक जोखिम उठाने और कर्ज लेने से कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैंक सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र को तीन लाख करोड़ रुपए की ऋण गारंटी योजना को लेकर आशान्वित है। इस योजना के जरिये सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 30,000 करोड़ रुपए डाले हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कुमार ने बैंक की जमा रिजर्व बैंक के पास रखने की आलोचनाओं पर कहा, हमारे पास कोष है, लेकिन ऋण की मांग नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे में बैंकों के पास अपना पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जहां तक ग्राहकों की बात है तो वे अभी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।
बचत खाते पर ब्याज दरों में हुई कटौती
भारतीय स्टेट बैंक ने बचत बैंक खातें पर वार्षिक ब्याज दर 0.05 प्रतिशत घटाकर 2.70 प्रतिशत कर दी है। वहीं निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने बचत खाते पर ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। एसबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार संशोधित ब्याज दरें 31 मई से लागू हो गई हैं। चालू वित्त वर्ष में एसबीआई ने दूसरी बार बचत खाते पर ब्याज दरों में कटौती की है। इससे पहले अप्रैल में बैंक ने सभी स्लैब में बचत बैंक खातें पर ब्याज दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 2.75 प्रतिशत कर दिया था।
आईसीआईसीआई बैंक ने 50 लाख रुपए से कम की सभी जमाओं पर ब्याज दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 3.25 से 3 प्रतिशत कर दिया है। 50 लाख रुपए या उससे अधिक की जमा पर ब्याज दर को 3.75 से घटाकर 3.50 प्रतिशत किया गया है। बैंक ने कहा है कि बचत खाते पर नई ब्याज दरें गुरुवार से लागू होंगी।