भारत में निजी क्षेत्र की कंपनियों के सीईओ का औसत वेतन सार्वजनिक क्षेत्र के अपने समकक्षों से कहीं अधिक है। सार्वजनिक क्षेत्र में यह 25 से 30 लाख रुपए है। वित्त वर्ष 2015-16 के लिए सेंसेक्स की शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा किए गए खुलासे के अनुसार उन्होंने अपने शीर्ष कार्यकारियों को औसतन 19 करोड़ रुपए का वेतन दिया। इसमें वेतन, कमीशन, भत्ते, इसॉप्स आदि शामिल हैं। शीर्ष कार्यकारियों में कार्यकारी चेयरमैन, सीईओ या प्रबंध निदेशक आते हैं।
यह विश्लेषण सेंसेक्स की निजी क्षेत्र की 24 कंपनियों में से 20 द्वारा किए गए खुलासों पर आधारित है। चार कंपनियों ने अभी अपने आंकड़े नहीं दिए हैं। सेंसेक्स के छह सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में से सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के आंकड़े उपलब्ध हैं। एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य को 2015-16 में सिर्फ 31.1 लाख रुपए का वेतन मिला है।
सेंसेक्स की निजी क्षेत्र की कंपनियों में 2015-16 में सबसे अधिक वेतन एलएंडटी के एएम नाईक को 66.14 करोड़ रुपए का मिला। इसमें आधे से अधिक अन्य लाभ के रूप में करीब 39 करोड़ रुपए था। इसी तरह इंफोसिस के विशाल सिक्का को 48.73 करोड़ रुपए तथा ल्यूपिन के देश बंधु गुप्ता को 44.8 करोड़ रुपए मिले। इस सूची में ज्यादातर बैंकरों का वेतन निचले स्तर पर रहा। एक्सिस बैंक की शिखा शर्मा को 5.5 करोड़ रुपए, आईसीआईसीआई बैंक की चंदा कोचर को 6.6 करोड़ रुपए तथा एचडीएफसी के आदित्य पुरी को 9.7 करोड़ रुपए का वेतन मिला।
एचडीएफसी लि. के चेयरमैन दीपक पारेख को मात्र 1.89 करोड़ रुपए, वहीं वाइस चेयरमैन एवं सीईओ केकी मिस्त्री को 9.3 करोड़ रुपए तथा प्रबंध निदेशक रेणु सूद कर्नाड को 8.5 करोड़ रुपए का वेतन मिला। इन ताजा आंकड़ों में चार कंपनियों सनफार्मा, मारुति, हीरो मोटोकॉर्प तथा सिप्ला का ब्योरा उपलब्ध नहीं है।