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भारतीय बैंकों का कुल बैड लोन की राशि 112 देशों की GDP से भी ज्‍यादा

भारत में बैड लोन का बोझ महाकाय है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्‍स एंड रिसर्च के एक एनालिस्‍ट के मुताबिक भारत में एनपीए 13 लाख करोड़ रुपए है।

Dharmender Chaudhary
Published on: May 15, 2016 7:39 IST
Toxic: भारतीय बैंकों का कुल बैड लोन 112 देशों की GDP से भी ज्‍यादा, एशिया में स्थिति सबसे ज्‍यादा खराब- India TV Paisa
Toxic: भारतीय बैंकों का कुल बैड लोन 112 देशों की GDP से भी ज्‍यादा, एशिया में स्थिति सबसे ज्‍यादा खराब

नई दिल्‍ली। भारत में बैड लोन (एनपीए) का बोझ वास्‍तव में महाकाय है। एक लोन तब नॉन-परफॉर्मिंग या बैड बनता है, जब कर्जदार मूलधन या उसके ब्‍याज का भुगतान करना बंद कर देता है।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्‍स एंड रिसर्च के एक एनालिस्‍ट के मुताबिक भारत में तनावग्रस्‍त लोन (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) 13 लाख करोड़ रुपए (195 अरब डॉलर) के बराबर है।

हमनें यहां वर्ल्‍ड बैंक के डाटाबेस में लिस्‍टेड सभी देशों की जीडीपी से भारत के विशालकाय एनपीए की तुलना की है। (यह डाटा 2014 का है और इसकी गणना मौजूदा कीमतों पर की गई है।) इस तुलना के दौरान हमने पाया कि भारत का बैड लोन का जो आकार है वह 112 देशों की जीडीपी से भी अधिक है। हम यहां केवल 50 देशों की जीडीपी के आकार को ही दिखा पा रहे हैं।

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एशिया में सबसे ज्‍यादा खराब स्थिति भारत की

एशिया की अन्‍य अर्थव्‍यवस्‍थाओं की तुलना में भारत के सरकारी बैंकों की बैड लोन (एनपीए) की स्थिति सबसे ज्‍यादा खराब है। अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) द्वारा 3 मई को जारी रिपोर्ट के मुताबिक एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था भारत में कुल (ग्रॉस) लोन में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट का हिस्‍सा अन्‍य एशियन देशों की तुलना में सबसे ज्‍यादा है। कुल लोन के अनुपात में 6 फीसदी बैड लोन के साथ भारत इस मामले में चीन से आगे है, जहां केवल 1.5 फीसदी बैड लोन है।

बैड लोन के मामले में अन्‍य एशियन देशों की तुलना में भारत की स्थिति:

Source: Quartz

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