नई दिल्ली। देश में एक लीटर पेट्रोल उत्पादन की लागत 24.75 रुपए है और हम इसे खरीदने के लिए 60.70 रुपए (दिल्ली में) खर्च करते हैं। आप सोच रहे होंगे कि जब पेट्रोल की उत्पादन लागत इतनी कम है, तो इसका बिक्री मूल्य इतना ज्यादा क्यों हैं। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि पेट्रोल की कुल कीमत में टैक्स का हिस्सा इसकी उत्पादन लागत से भी ज्यादा है। पिछले एक साल में पेट्रोल पर पांच बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से टैक्स का हिस्सा वास्तविक उत्पादन लागत से ज्यादा हो गया है। सेंट्रल और एक्साइज ड्यूटी के अलावा वैट और सेल्स टैक्स की वजह से देश में पेट्रोल की कीमतें उत्पादन लागत की दोगुने से भी ज्यादा हैं।
पेट्रोल की कीमत का गणित
तेल कंपनियों के सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर के अंतिम 15 दिनों में गैसोलिन की औसत कीमत और विदेशी मुद्रा विनिमय दर के आधार पर रिफाइनरी में एक लीटर पेट्रोल की उत्पादन लागत 24.75 रुपए है। इसमें कंपनी का मार्जिन और अन्य लागत जोड़कर पेट्रोल पंप डीलर को 27.24 रुपए प्रति लीटर में यह पेट्रोल बिक्री के लिए दिया जाता है। अब इस पर 19.06 रुपए प्रति लीटर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और 2.26 रुपए प्रति लीटर डीलर कमीशन जोड़ा जाता है। इसके बाद इसमें वैट या सेल्स टैक्स के रूप में 12.14 रुपए और जोड़े जाते हैं, जिससे दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 60.70 रुपए हो जाती है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग वैट दर होने से इसकी कीमतें अलग-अलग होती हैं। ठीक इसी प्रकार एक लीटर डीजल की कीमत 45.93 रुपए है, जिसमें रिफाइनरी की लागत केवल 24.86 रुपए है, जबकि मार्जिन, अन्य खर्च और एक्साइज ड्यूटी व वैट का हिस्सा 27.05 रुपए है। इसमें 10.66 रुपए एक्साइज ड्यूटी, 1.43 रुपए डीलर कमीशन और 6.79 रुपए वैट के हैं।
पांचवीं बार बढ़ी है एक्साइज ड्यूटी
सरकार ने 7 नवंबर को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 1.60 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 40 पैसा प्रति लीटर बढ़ाई है। पिछले साल नवंबर से पेट्रोल व डीजल में एक्साइज ड्यूटी पांचवीं बार बढ़ाई गई है। हालांकि तेल कंपनियों ने एक्साइज ड्यूटी का बोझ अपने उपभोक्ताओं पर नहीं डाला है, लेकिन भविष्य में होने वाली कमी पर इसका असर जरूर दिखेगा।
सरकार को मिलेंगे 3200 करोड़ रुपए अतिरिक्त
एक्साइज ड्यूटी में इस बढ़ोत्तरी से सरकार को चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों में पेट्रोलियम उत्पादों से अतिरिक्त 3200 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल होगा। वित्त वर्ष 2014-15 में सरकार ने पेट्रोलियम सेक्टर से कुल 99,184 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सरकार को इस सेक्टर से 33,042 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हो चुका है।