नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्विट इस समय माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के एक ताजा अध्ययन के मुताबिक जनवरी से अप्रैल 2018 के बीच राहुल गांधी के रिट्विट की औसत संख्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही साथ अन्य महत्वपूर्ण भारतीय राजनेताओं के रिट्विट की औसत संख्या से अधिक रही है।
इस अध्ययन में असिस्टेंट प्रोफेसर जोयोजीत पाल और पीएचडी शोधार्थी लिआ बोजार्ट ने 274 भारतीय राजनेताओं के एकाउंट से किए जाने वाले ट्विट का अध्ययन और विश्लेषण करने के लिए ट्विटर के एपीआई का उपयोग किया, इन्होंने गैर-अंग्रेजी भाषा का उपयोग करने वाले नेताओं पर बारीकी से नजर रखी।
फॉलोअर्स के मामले में मोदी आगे
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्विटर फॉलोअर्स की संख्या केवल 76 लाख है, जबकि मोदी के फॉलोअर्स की संख्या 4.4 करोड़ है, बावजूद इसके गांधी को बड़ी सफलता मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलोअर्स के मामले में भारतीय प्रधान मंत्री दूसरे स्थान पर हैं।
राहुल की सफलता का राज है हिंदी
मिशिगन यूनिवर्सिटी के अध्ययन में यह कहा गया है कि गांधी की सफलता के पीछे उनके हिंदी में किए गए ट्विट हैं, जो अक्सर कविता, कटाक्ष और टकराव की आक्रामक शैली में होते हैं। जबकि इनकी तुलना में मोदी के संदेश तुलनात्मक रूप से सपाट होते हैं। अध्ययन के लेखकों ने इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली जनरल में लिखा है कि अधिक हमलावर संदेश और विशेषरूप से हिंदी के उपयोग से राहुल गांधी के ट्विट को अधिक तवज्जो मिलती है।
उदाहरण के लिए पिछले साल अक्टूबर में गांधी का एक ट्विट बहुल लोकप्रिय हुआ था, जिसमें उन्होंने जीएसटी को लेकर कहा था कि कांग्रेस का जीएसटी ‘जीनुइन सिम्पल टैक्स’ था, मोदी का जीएसटी ‘गब्बर सिंह टैक्स’ है।
ट्विटर पर हिंदी का बढ़ रहा है दबदबा
अध्ययन में यह पाया गया है कि ट्विटर पर गैर-अंग्रेजी भाषा विशेषकर हिंदी का उपयोग राजनेताओं द्वारा खूब बढ़ रहा है। 2016 के अंत से अन्य भाषा के ट्विट की तुलना में हिंदी ट्विट्स को अधिक ट्रैक्शन मिलना शुरू हुआ है। अध्ययन में यह भी पाया गया है कि हिंदी और अंग्रेजी के ट्विट की तुलना में गैर-हिंदी क्षेत्रीय भाषाओं के ट्विट ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, फिर भी राजनेता पहले की तुलना में क्षेत्रीय भाषाओं में ट्विट कर रहे हैं।
अक्टूबर 2013 से अप्रैल 2018 के बीच मोदी के 73.7 प्रतिशत ट्विट अंग्रेजी में थे। वहीं राहुल गांधी ने अप्रैल 2015 से ट्विटर का इस्तेमाल करना शुरू किया और उन्होंने केवल 68 प्रतिशत ट्विट अंग्रेजी में किए।
अध्ययन में पाया गया है कि राजनेताओं द्वारा ट्विट करने के लिए अंग्रेजी भाषा को चुनने में विस्तार हुआ है। अध्ययनकर्ताओं ने कहा है गैर चुने राजनेता जैसे पी चिदंबरम, सुब्रामण्यम स्वामी और किरण बेदी सबसे ज्यादा अंग्रेजी में ट्विट करते हैं, जबकि सुशील मोदी, रघुबर दास या योगी आदित्यनाथ क्षेत्रीय भाषा का उपयोग करते हुए सक्रियता से सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केवल 8 प्रतिशत ट्विट ही अंग्रेजी में किए हैं। भाजपा की मजबूत सोशल मीडिया पहुंच का 2014 के आम चुनाव में मिली सफलता में एक बड़ा योगदान है। इस बात का प्रमाण बाद के चुनाव में मिली जीत से भी मिलते हैं। मोदी भारतीयों के साथ जुड़े रहने के लिए किसी भी पारंपरिक तरीके की तुलना में सोशल मीडिया को अधिक प्रभावी मानते हैं, और यही वजह है कि 2014 में सत्ता संभालने के बाद उन्होंने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है।
2014 में फेसबुक और व्हाट्सएप की तुलना में ट्विटर जमीनी-स्तर के राजनीतिक अभियानों के लिए कम महत्वपूर्ण था। अध्ययन में कहा गया है कि हालांकि राजनेता अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए फेसबुक और व्हाट्सएप की तुलना में ट्विटर पर गैर-अंग्रेजी भाषा का उपयोग अधिक मात्रा में कर रहे हैं, बावजूद इसके ट्विटर अभी भी अभिजात्य वर्ग का टूल बना हुआ है।
Source: The Quartz