नई दिल्ली। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने बुधवार को बताया कि उसके बोर्ड ने इंटीग्रेटेड मुंबई पावर बिजनेस को अडानी ट्रांसमिशन को बेचने की मंजूरी दे दी है। यह सौदा 18,800 करोड़ रुपए में होगा। उसने कहा कि इससे उसका कर्ज दो-तिहाई कम कर 7,500 करोड़ रुपए पर लाने में मदद मिलेगी।
कंपनी के चेयरमैन अनिल अंबानी ने पिछले साल दिसंबर में अटक गए इस सौदे के पूरा होने की घोषणा की, जिसमें एकीकृत विद्युत कारोबार की बिक्री शामिल है।
अंबानी ने कहा कि इस सौदे से कंपनी का कर्ज 22 हजार करोड़ रुपए से घटकर 7,500 करोड़ रुपए रह जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी को अगले साल तक कर्जमुक्त बनाने की योजना है।
कंपनी ने नियामकीय मंजूरियां मिलने के बाद मुंबई विद्युत व्यावसाय को अडानी ट्रांसमिशन को हस्तांतरित करने को स्वीकृति देने के लिए आज निदेशक मंडल की बैठक बुलाई थी। पिछले आठ महीने में सौदे को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, कंपनी के शेयरधारकों और महाराष्ट्र विद्युत नियामकीय आयोग की मंजूरियां मिल गई हैं।
पिछले सप्ताह कंपनी गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों का परिपक्वता पर 133.38 करोड़ रुपए का भुगतान करने में असफल रही थी। हालांकि कंपनी ने कहा था कि मुंबई विद्युत कारोबार अडानी ट्रांसमिशन को हस्तांतरित होने से वह अगले कुछ दिनों में इसका भुगतान कर देगी।
कंपनी ने कहा था कि सभी कर्जदाताओं ने अनापत्ति प्रमाणपत्र दे दिया है और कंपनी अगले कुछ दिनों में सौदा पूरा होने की उम्मीद करती है। दोनों कंपनियों ने इस सौदे के लिए दिसंबर 2017 में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। अंबानी ने आज यह भी कहा कि 6,994 करोड़ रुपए के बांद्रा वर्सोवा सीलिंक पर एक अक्टूबर से काम शुरू हो जाएगा। कंपनी ने 10 किलामीटर लंबे इस सीलिंक के निर्माण के लिए इटली की कंपनी अस्टाल्डी के साथ करार किया है।