नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा है कि ड्रोन संबंधी नए नियमों से भारत में इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण की शुरूआत हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन संबंधी नए नियमों से स्टार्ट-अप्स के साथ-साथ इस सेक्टर में काम करने वाले हमारे युवाओं को भी काफी मदद मिलेगी, और सेक्टर में इनोवेशन और कारोबार के लिये नये अवसर खुलेंगे।
ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा, ड्रोन संबंधी नए नियमों से भारत में इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत हो गई है। ये नियम विश्वास और स्व-प्रमाणन की अवधारणा पर आधारित हैं। इसके तहत अनुमोदन एवं अनुपालन से संबंधित आवश्यकताओं और इस क्षेत्र में प्रवेश करने संबंधी बाधाओं को काफी हद तक कम कर दिया गया है। पीएम मोदी ने आगे कहा, ड्रोन संबंधी नए नियमों से स्टार्ट-अप्स के साथ-साथ इस सेक्टर में काम करने वाले हमारे युवाओं को भी काफी मदद मिलेगी। इससे इनोवेशन और कारोबार के लिए संभावनाओं के नए द्वार खुल जाएंगे। इससे भारत को एक ड्रोन हब बनाने के लिए इनोवेशन, टेक्नोलॉजीऔर इंजीनियरिंग में भारत की विशिष्ट क्षमताओं का व्यापक उपयोग करने में भी काफी मदद मिलेगी।
केंद्र ने यूएएस नियमों को उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021 ( liberalised Drone Rules, 2021) से बदल दिया है । मार्च 2021 में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यूएएस नियम, 2021 को प्रकाशित किया था। मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है, इन नियमों को शिक्षाविदों, स्टार्टअप्स, एंड-यूजर्स और अन्य हितधारकों द्वारा प्रतिबंधात्मक माना जाता था क्योंकि उनमें काफी कागजी कार्रवाई शामिल थी, प्रत्येक ड्रोन उड़ान के लिए आवश्यक अनुमति और बहुत कम फ्री टू फ्लाई ग्रीन जोन उपलब्ध थे। मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस), जिसे आमतौर पर ड्रोन के रूप में जाना जाता है, अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों जैसे कृषि, खनन, बुनियादी ढांचे, निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया, परिवहन, भू-स्थानिक मानचित्रण, रक्षा और कानून व्यवस्था के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है।
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