नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोट बंद कर 2000 रुपए के जो नए नोट जारी किए गए हैं, उनमें कोई गड़बड़ी नहीं है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह कहा जा रहा है कि नए नोटों में एक जगह छपाई की गलती हो गई है, जिससे सरकार को नए नोट भी वापस मंगाने पड़ेंगे।
रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि नोट के पिछले हिस्से में, जहां पर 15 भाषाओं में मुद्रा का मूल्य लिखा जाता है, वहां छपाई की गलती है। यह पूरी तरह निराधार है। हम आपको बता दें कि भारतीय बैंक नोट पर कुल 17 भाषाओं का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें से 15 भाषाएं नोट के पिछले हिस्से में एक बॉक्स में लिखी जाती हैं, जबकि अन्य दो भाषाएं हिंदी और अंग्रेजी है।
दिल्ली के सर्राफा कारोबारियों ने आयकर विभाग के छापे का किया विरोध, नहीं खोली दुकानें
On the reverse is a language panel which displays the denomination of the note in 15of the 22 official languages of India. The languages are displayed in alphabetical order.
मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि 15 भाषाओं में एक भाषा हिंदी है, जो कि सरासर गलत है। इन 15 भाषाओं में असामी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंणकनी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उडि़या, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु और उर्दू शामिल हैं। इस लिहाज से नए नोट में जो भी लिखा गया है वह एकदम सही है।
वैसे नोट या सिक्कों में ऐसी गलती होने पर उन्हें अमान्य घोषित करने और वापस लेने का चलन रहा है। इसी साल जनवरी में आरबीआई ने 30 हजार करोड़ रुपए की कीमत के गलत नोट छापने की बात मानी थी। यह गड़बड़ी हजार रुपए के नोटों में हुई थी जो सिल्वर सिक्योरिटी थ्रेड के बगैर छाप दिए गए थे। 30 करोड़ में से 20 करोड़ तो रिजर्व बैंक के पास ही थे, लेकिन 10 करोड़ नोट बाजार में जारी किए जा चुके थे। गलती का पता चलने के बाद आरबीआई और वित्त मंत्रालय ने फैसला किया कि इन नोटों को जला दिया जाए। बाकी नोटों को वापस लेने के निर्देश जारी किए गए थे।