नई दिल्ली। पिछले दो सालों के दौरान अमेरिका से भारत में आने वाले विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में 500 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। मई 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली तब से अमेरिका से आने वाले एफडीआई में लगातार वृद्धि हो रही है। वित्त वर्ष 2013-14 में अमेरिका से 80.6 करोड़ डॉलर का एफडीआई भारत आया, जबकि 2015-16 में यह आंकड़ा बढ़कर 4.12 अरब डॉलर हो गया है। भारत सरकार द्वारा 29 अगस्त को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि हाल के महीनों में उठाए गए सुधारात्मक कदमों का सकारात्मक परिणाम सामने आया है।
भारत का कुल एफडीआई भी इस दौरान 54 फीसदी बढ़ा है। वित्त वर्ष 2014 में जहां 36 अरब डॉलर का एफडीआई आया था, वहीं वित्त वर्ष 2016 में बढ़कर यह 55.4 अरब डॉलर हो गया है। यहां उल्लेखनीय है कि, एफडीआई में यह वृद्धि ऐसे समय में हुई है, जब दुनियाभर में निवेश में गिरावट आ रही है। कार्नेगी एनडॉवमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के सीनियर एसोसिएट मिलान वैष्णव ने कहा कि इसमें कोई शंका नहीं है कि मोदी सरकार ने निवेश वातावरण में सुधार लाने की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन की गति वृद्धिशील है लेकिन इसकी प्रवृत्ति सही दिशा में आगे बढ़ती हुई प्रतीत होती है। इसलिए, भारत सरकार को इसका क्रेडिट देना बनता है।
मोदी ने किया अड़चनों को दूर
पिछले एक दशक में भारत और अमेरिका के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं और अमेरिका भारत को दक्षिण एशिया में एक रणनीतिक साझेदारी के तौर पर देखता है। 2014 में सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार ने भारत के ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में सुधार पर ध्यान देकर दोनों देशों के बीच संबंधों में नई ऊर्जा भरने का काम किया है। एविएशन, फार्मा, डिफेंस और इंश्योरेंस सहित तमाम सेक्टर में एफडीआई पॉलिसी को उदार बनाने के फैसले में इसका संकेत साफ दिखाई पड़ता है।
सत्ता में आने के तुरंत बाद, सरकार ने मेक इन इंडिया अभियान को लॉन्च किया, यह एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है, जिसका उद्देश भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करना है। पिछले महीने, भारत ने अपने 70 साल के इतिहास का सबसे बड़ा टैक्स सुधार बिल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) पास किया है, जो कि 17 अलग-अलग टैक्सों को खत्म कर पूरे देश में एक टैक्स की परिकल्पना को साकार करेगा।
द्विपक्षीय व्यापार में बने नए रिकॉर्ड
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार भी इस दौरान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने 29 अगस्त को कहा कि हमनें प्रत्येक श्रेणी में द्विपक्षीय व्यापार के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए नई उपलब्धियों को हासिल किया है। पिछले साल दोनों देशों के बीच 109 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ, डिफेंस ट्रेड भी बढ़कर 15 अरब डॉलर पर पहुंच गया, वहीं कृषि ट्रेड 6 अरब डॉलर रहा।
अभी भी हैं कई चुनौतियां
हालांकि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार आया है, नई दिल्ली और वॉशिंगटन के सामने अभी भी कई चुनौतियां हैं। उदहारण के लिए, अमेरिका लगातार बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण और बाजार पहुंच का मुद्दा उठाता रहा है, जबिक भारत अपने नागरिकों के लिए अमेरिका में बेहतर वर्क वीजा चाहता है।
Source: Quartz