नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (GST) विधेयक के संसद के चालू सत्र में पारित न होने की संभावना की ओर संकेत करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि विधेयक में देरी दूसरे कारणों की वजह से कराई जा रही है। उद्योग मंडल फिक्की की 88वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि जीएसटी में देरी पूरी तरह से किसी और वजह से कराई जा रही है। मेरे विचार से यह दूसरी वजह सिर्फ यह है कि यदि हम नहीं कर सके तो दूसरे को ऐसा क्यों करना चाहिए? जेटली ने कहा कि राजनीति देश के व्यापक हित के आड़े नहीं आनी चाहिए। सरकार कल संसद में दिवालिया विधेयक पेश करेगी जिसके पारित होने पर भारत में कारोबार में सुगमता की स्थिति में और सुधार आएगा।
मंत्री ने हालांकि, कहा कि सरकार बुधवार को समाप्त हो रहे शीतकालीन सत्र के आखिरी तीन दिन में राज्य सभा में सुधार संबंधी अन्य विधेयकों को आगे बढ़ाएगी। इन विधेयकों में मध्यस्थता एवं आपसी सहमति अधिनियम में संशोधन शामिल है, जो वाणिज्यिक अदालतों और दिवालियापन से जुड़ी संहिता के गठन से जुड़ा है। सरकार ने एक अप्रैल 2016 से जीएसटी लागू करने की योजना बनाई थी।
इस विधेयक को स्वतंत्रता के बाद से अब तक अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में सुधारों का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है और शीतकालीन सत्र के बाकी बचे तीन दिनों में इसके पारित होने की संभावना नहीं लगती। लोकसभा ने वाणिज्यिक अदालतें, उच्च न्यायालयों में वाणिज्यिक प्रभाग एवं वाणिज्यिक अपीलीय प्रभाग विधेयक और मध्यस्थता एवं सुलह-सफाई (संशोधन विधेयक) को पारित कर दिया है। इन विधेयकों को राज्य सभा में अगले सप्ताह आगे बढ़ाया जा सकता है।