नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2016-17 में देश भर में 10,000 नए एलपीजी वितरकों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी सिलसिले में अगले तीन महीने में 2,000 वितरकों की नियुक्ति हो जाएगी। प्रधान ने लोकसभा में कहा कि नए एलपीजी वितरकों से उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को एलपीजी के लिए बहुत इंतजार नहीं करना होगा।
Guidelines for LPG distributorships
पेट्रोलियम मंत्रालय ने वर्ष 2016 को ईयर ऑफ एलपीजी कंज्यूमर घोषित किया है। वर्ष 2018 तक देश के हर घर, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में, रसोई गैस पहुंचाने की दिशा में सरकार का ये अगला कदम है। प्रधान ने कहा कि नए ग्राहकों तक पहुंचने और मौजूदा ग्राहकों को बेहतर सर्विस देने के लिए कंपनियों को और डिस्ट्रीब्यूटर्स की जरूरत है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान भारत में एलपीजी का उपभोग 7 फीसदी बढ़ा है, इसे पूरा करने के लिए भी नए डीलरों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि सरकार नई एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी पर काम कर रही है, जिससे मौजूदा कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में देश में 27 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता हैं, जिसमें से 16.5 करोड़ सक्रिय उपभोक्ता हैं। तेल मार्केटिंग कंपनियां कुल जनसंख्या का तकरीबन 60 फीसदी हिस्सा कवर कर रही हैं।
ऐसे करें एलपीजी का डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान
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एलपीजी एजेंसी लेने के लिए ऐसे करें तैयारी
LPG डीलरशिप हासिल करने की बेहद कड़े नियम और शर्तें हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस साल जब गैस कंपनियां डीलरशिप के लिए आवेदन आमंत्रित करें तो आपके पास तैयारी पूरी होनी चाहिए। यही ध्यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बताने जा रही है डीलरशिप हासिल करने के नियम, शर्तों और प्रक्रिया के बारे में। यह जानकारी पिछली आवेदन प्रक्रिया पर आधारित है, नए एप्लीकेशन में इसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं।
गैस डीलर बनाने की प्रक्रिया
देश की तीनों सरकारी कंपनियां इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस समय-समय पर नए डीलर बनाने के लिए आवेदन आमंत्रित करती हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में गैस वितरण नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी वितरक योजना(आरजीजीएलवी) के तहत भी आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इसमें गैस कंपनियां एजेंसी और गोदाम की जमीन के लिए कंपनियां वार्ड, मुहल्ला या निश्चित स्थान विज्ञापन या नोटिफिकेशन में बताती हैं। एप्लीकेशन भेजने के बाद एक निर्धारित तिथि पर कैंडिडेट का इंटरव्यू किया जाता है। इसमें विभिन्न आधार पर नंबर दिए जाते हैं। इन्हीं नंबरों के विभिन्न पैरामीटर्स आधार पर कैंडिडेट का इवैल्युएशन किया जाता है। इसका रिजल्ट नोटिसबोर्ड पर सभी पैरामीटर्स पर प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता है।
फील्ड वैरिफिकेशन
मैरिट में अंकों के प्रदर्शित होने के बाद गैस कंपनी का एक पैनल सभी कैंडिडेट की दी गई डिटेल के संबंध में फील्ड वैरिफिकेशन करता है। इसमें जमीन से लेकर सभी अन्य बातों की गहन पड़ताल की जाती है। इसके बाद ही गैस एजेंसी अलॉट की जाती है। इसके लिए कैंडिडेट को एक तय समय सीमा दी जाती है। इसके भीतर ही उसे गैस एजेंसी शुरू करनी होती है।
एजेंसी हासिल करने के लिए जरूरी शर्तें
गैस एजेंसी या डीलरशिप लेने के लिए सबसे जरूरी शर्त पर्मानेंट एड्रेस और जमीन की होती है। कैंडिडेट के पास पर्मानेंट रेजिडेंस एड्रेस होना चाहिए। इसके अलावा उसके पास गैस एजेंसी ऑफिस और गोदाम के लिए पर्याप्त जमीन या स्थान भी होना चाहिए। जमीन किस मुहल्ले, वार्ड या स्थान पर होनी चाहिए, इसकी जानकारी विज्ञापन में दी जाती है। इसके अलावा कैंडिडेट 10वी पास अवश्य होना चाहिए। साथ उसकी उम्र 21 साल होनी चाहिए। इसके साथ ही आपके पास बैंक बैलेंस और डिपॉजिट राशि भी होनी चाहिए।
सरकार द्वारा तय मानकों पर मिलता है रिजर्वेशन
गैस एजेंसी के लिए सरकार द्वारा तय मानकों के आधार पर रिजर्वेशन दिया जाता है। 50 फीसदी रिजर्वेशन सामान्य श्रेणी के लिए होता है। वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों के साथ ही सामाजिक रूप से अक्षम लोगों, भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता सेनानी, खिलाड़ी, सशस्त्र बल, पुलिस या सरकारी कर्मचारियों को भी आरक्षण दिया जाता है।
जमीन और डिस्ट्रिब्यूशन चैनल जरूरी
गैस एजेंसी हासिल करने के लिए सबसे जरूरी यह है कि आपके पास पर्याप्त जमीन और सिलेंडर डिलिवरी के लिए पर्याप्त स्टाफ होना चाहिए। गोदाम के लिए गैस कंपनी निर्धारित मानक तय करती है। सभी गोदाम का आकार, उसमें सुरक्षा के इंतजाम आदि इसी पर आधारित होते हैं।