नई दिल्ली। 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने के बाद मोदी सरकार कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए नए कदम उठाने पर विचार कर रही है। सरकार क्रेडिट या डेबिट कार्ड पेमेंट करने वाले व्यक्तिगत आयकरदाताओं को टैक्स लाभ देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इतना ही नहीं सरकार पेट्रोल, गैस और रेल टिकट का भुगतान क्रेडिट या डेबिट कार्ड से करने पर उस पर लगने वाले ट्रांजैक्शन शुल्क को भी समाप्त करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।
कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने और टैक्स चोरी कम करने के लिए जारी एक सर्कुलर के मसौदे में सरकार ने एक लाख रुपए से अधिक मूल्य के सौदों का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से निपटान अनिवार्य करने का भी प्रस्ताव किया है।
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- दुकानदारों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने उन्हें टैक्स छूट का प्रस्ताव किया है, बशर्ते वे अपनी बिक्री का अच्छा-खासा मूल्य डेबिट या क्रेडिट कार्ड से स्वीकार करें।
- इन प्रस्तावों का उद्देश्य लोगों के लेन-देन का रिकॉर्ड तैयार करना है, ताकि उनकी ऋण सुविधा बढ़ाई जा सके।
- इसके अलावा, इसका उद्देश्य लोगों को बैंकिंग दायरे में लाना, टैक्स चोरी एवं नकली नोटों पर अंकुश लगाना है।
- सरकार प्रस्तावों के मसौदे पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। इसमें कहा गया है कि उपभोक्ताओं द्वारा अपने खर्च के एक निश्चित हिस्से का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पेमेंट करने पर उन्हें इनकम टैक्स में छूट के रूप में टैक्स लाभ देने पर विचार किया जाएगा।
- सर्कुलर में कहा गया है कि यदि एक दुकानदार अपनी कम से कम 50 प्रतिशत बिक्री इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से करता है तो उसे उचित टैक्स छूट उपलब्ध कराई जा सकती है।
- दुकानदार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सभी लेन-देन पर वैट में एक-दो प्रतिशत कटौती का लाभ दिया जा सकता है।
- मोबाइल बैंकिंग को प्रोत्साहन देने के प्रयास के तहत सर्कुलर में सुझाव दिया गया है कि दूरसंचार कंपनियों द्वारा लगाए जाने वाले शुल्कों को तर्कसंगत बनाया जाए।
- वर्तमान में, दूरसंचार कंपनियां मोबाइल बैंकिंग-पेमेंट के लिए प्रति लेन-देन 1.50 रुपए का अनडिफाइंड सप्लिमेंट्री सर्विस डाटा (यूएसएसडी) चार्ज लगाती हैं। इसे अब घटाकर 50 पैसे कर दिया गया है,जो 1 जनवरी से प्रभावी लागू।
- दूरसंचार ऑपरेटर बैंकिंग सेवाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शॉर्ट कोड संदेशों को 31 दिसंबर तक मुफ्त करेंगे।