नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को पेट्रोल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में 30 पैसा प्रति लीटर और डीजल पर 1.17 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की है। इस वृद्धि के बाद सरकार को अतिरिक्त 2500 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल होगा। अनब्रांडेड पेट्रोल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी 7.06 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर अब 7.36 रुपए प्रति लीटर हो गई है। इसी प्रकार अनब्रांडेड डीजल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी 4.66 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 5.83 रुपए प्रति लीटर हो गई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि से वित्त वर्ष 2015-16 के लिए शेष महीनों के दौरान 2500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। एडिशनल और स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को शामिल करने के बाद अनब्रांडेड पेट्रोल पर कुल ड्यूटी 19.36 रुपए प्रति लीटर होगी, जो कि वर्तमान में 19.06 रुपए प्रति लीटर है। इसी प्रकार, अनब्रांडेड डीजल पर कुल एक्साइज ड्यूटी 11.83 रुपए प्रति लीटर होगी, जो वर्तमान में 10.66 रुपए प्रति लीटर है।
ब्रांडेड पेट्रोल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी 8.24 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 8.54 रुपए प्रति लीटर और ब्रांडेड डीजल पर 7.02 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 8.19 रुपए प्रति लीटर हो गई है। छह हफ्तो से कम समय के दौरान एक्साइज ड्यूटी में यह दूसरी वृद्धि है। सरकार ने इससे पहले 7 नवंबर को पेट्रोल पर 1.60 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 30 पैसा प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी।
एक्साइज ड्यूटी बढ़ने के चलते तेल कंपनियों ने मंगलवार को पेट्रोल में 50 पैसा प्रति लीटर और डीजल में 46 पैसा प्रति लीटर की कटौती करने की घोषणा की थी, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें कई सालों के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं, जिसके हिसाब से पेट्रोल और डीजल के दाम में ज्यादा कटौती होनी चाहिए थी, लेकिन एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोत्तरी की वजह से ऐसा नहीं हो सका। इससे पहले एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि से सरकार को 3200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व हासिल होने का अनुमान है।
नवंबर से अब तक सरकार दो बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ा चुकी है, इससे पहले सरकार पेट्रोल और डीजल पर नवंबर 2014 से जनवरी 2015 के बीच चार किस्तों में एक्साइज ड्यूटी बढ़ा चुकी है। इस दौरान एक्साइज ड्यूटी में चार बार वृद्धि से पेट्रोल पर 7.75 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 6.50 रुपए प्रति लीटर ड्यूटी बढ़ी है। इससे सरकार को 20,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व हासिल हुआ है और इससे सरकार को अपना राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिली है। वित्त वर्ष 2014-15 में सरकार ने पेट्रोलियम सेक्टर से 99,184 करोड़ रुपए का एक्साइज कलेक्शन हासिल किया था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सरकार को इस सेक्टर से 33,042 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हो चुका है।