नई दिल्ली। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 7.4 फीसदी रही है, जो चीन की तुलना में बहुत ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.0 फीसदी रही थी। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में जीडीपी की वृद्धि हालांकि कम है, उस समय दर 8.4 फीसदी थी। भारत की जीडीपी ग्रोथ चीन से कही बेहतर है। दूसरी तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 6.9 फीसदी रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां एक ओर प्रमुख सुधार कानून पास कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं इस बीच भारत, जो एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, पूरी दुनिया में सबसे तेज गति से विकास कर रहा है। दूसरी तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा वृद्धि 9.3 फीसदी दर्ज की गई है, जिसे सुधार की सबसे ज्यादा जरूरत भी थी। पहली तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग ग्रोथ की दर 7.2 फीसदी थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने सोमवार को जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ें जारी किए हैं। इसमें बताया गया है कि वित्त वर्ष 2015-16 की दूसरी तिमाही में ट्रेड, होटल और ट्रांसपोर्ट व कम्यूनिकेशन, ब्रॉडकास्टिंग संबंधी सेवाओं, फाइनेंशियल, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेस तथा मैन्यूफैक्चरिंग की वृद्धि दर 7 फीसदी रही है। रॉयटर्स के पोल में दूसरी तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.3 फीसदी बताया गया था।
2011-12 की स्थिर कीमतों पर दूसरी तिमाही में भारत की कुल जीडीपी 27.57 लाख करोड़ रुपए का अनुमान है। 2014-15 की दूसरी तिमाही में यह अनुमान 25.66 लाख करोड़ रुपए का था। इस लिहाज से जीडीपी का आकार 7.4 फीसदी बढ़ा है। वित्त वर्ष 2015-16 की दूसरी तिमाही में कृषि की वृद्धि दर 2.2 फीसदी, खनन की वृद्धि दर 3.2 फीसदी, बिजली व अन्य यूटीलिटी सेवाओं की वृद्धि दर 6.7 फीसदी, निर्माण की वृद्धि दर 2.6 फीसदी तथा सार्वजनिक प्रबंधन, रक्षा व अन्य सेवाओं की वृद्धि दर 4.7 फीसदी रही है।