नई दिल्ली। इंडिया इंक की कमान अब नई पीढ़ी के हाथ में आने को तैयार है। आदित्य विक्रम बिड़ला, मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी का नाम भारत में हर किसी के लिए जाना पहचाना है। इन बिजनेसमैन को अपने पिता – घनश्याद दास बिड़ला और धीरूभाई अंबानी – का धन्यवाद करना चाहिए, जिन्होंने इतना बड़ा बिजनेस साम्राज्य स्थापित किया और आज इस साम्राज्य पर उनका आधिपत्य है। अब यह लोग इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपना बिजनेस अपने बच्चों के हाथों में सौंपने से पहले, उन्हें बिजनेस की बारीकियां सिखा रहे हैं।
भारत में 65 फीसदी से ज्यादा लिस्टेड कंपनियां परिवार-नियंत्रित हैं और कुछ वरिष्ठ बिजनेसमैन के बच्चे पावर हासिल करने के चरण से गुजर रहे हैं। इनमें से कई जोखिम लेने वाले या तो भारत के हॉट टेक्नोलॉजी सेक्टर में अपने प्रिवलेज (विशेषाधिकार) का उपयोग कर रहे हैं या पुराने बिजनेस को डेवेलप करने में मदद कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग ने इन कुछ युवा टायकूंस की प्रोफाइल तैयार की है, जिनकी उम्र 35 वर्ष या इससे कम है, यह भारत में रहते हैं, इनकी अपनी एक पब्लिक प्रोफाइल है और इनके पिता के पास 2 अरब डॉलर से ज्यादा की नेट वर्थ है।
आकाश और ईशा अंबानी
आकाश और ईशा अंबानी जुड़वा भाई-बहन हैं, इनके पिता मुकेश अंबानी भारत के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एनर्जी और रिफाइनरी से लेकर कंज्यूमर फेसिंग बिजनेस में डायवर्सीफाइड 42 अरब डॉलर वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान अपने हाथों में लेने के लिए ईशा और आकाश दोनों ही तैयारी में जुटे हैं। अभी यह दोनों ही कंपनी के इंफोकॉम और रिटेल बिजनेस को संभाल रहे हैं। टीम का हिस्सा रहते हुए इन्होंने रिलायंस में ओपन-ऑफिस कल्चर की शुरुआत की है। ईशा, जो पूर्व मैकेंजी कंसल्टैंट रह चुकी हैं, ने कंपनी के फैशन ब्रांड Ajio को भी लॉन्च किया है।
Akash and Isha Ambani
आलोक सांघवी
आलाके के पिता ने कोलकाता में छोटे स्तर पर मेडिकल डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर अपना काम शुरू किया था और अब वह भारत की सबसे बड़ी दवा कंपनी सन फार्मास्यूटिकल के मालिक हैं। दिलीप सांघवी देश के दूसरे सबसे अमीर आदमी हैं, ब्लूमबर्ग के मुताबिक उनकी कंपनी की सालाना बिक्री 4.2 अरब डॉलर है। आलोक को लो-प्रोफाइल में रहना पसंद है, जैसे उनके पिता रहते हैं। सन फार्मा में सीनियर जनरल मैनेजर के तौर पर ज्वाइन करने से पहले आलोक ने एंटरप्रेन्योर बनने का रास्ता चुना है। मिशिगन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट आलोक ने एक सोलर पैनल्स फर्म पीवी पावरटेक की स्थापना की है, इसकी यूनिट यूरोप, एशिया और अफ्रीका में भी हैं।
Aalok and Dilip
रोशनी नादर मल्होत्रा
बिजनेसमैन और परोपकारी शिव नादर की इकलौती बेटी रोशनी नादर 28 साल की उम्र में एचसीएल की चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर बन गई थीं। एचसीएल नोएडा बेस्ड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी सर्विस कंपनी है। रोशनी शिव नादर फाउंडेशन के बोर्ड में भी शामिल हैं। फोर्ब्स के मुताबिक नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं और उनका झुकाव रेडियो, टीवी और फिल्म की ओर था, उन्होंने सीएनबीसी और सीएनएन के साथ इंटर्नशिप भी की थी। अपने पिता के सुझाव पर उन्होंने बिजनेस स्कूल ज्वाइन किया, ताकि वह अपने पारिवारिक बिजनेस को संभालने के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकें। दो बच्चों की मां रोशनी अपने खाली समय में क्लासिकल म्यूजिक सुनना और योगा करना अच्छा लगता है।
Roshni Nadar Malhotra
अदार सायरस पूनावाला
पूनावाला के पास दो विभिन्न बिजनेस वैकसीन प्रोडक्शन और स्टड फार्म हैं। अदार पूनावाला ने अपने पिता से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ का पद हासिल किया है और अब वह दुनिया की सबसे बड़ी वैकसीन प्रोड्यूस करने वाली कंपनी के प्रमुख हैं। एक जानेमाने परोपकारी पूनावाला ने पुणे को साफ सुधरा बनाने के लिए पिछले साल 1.5 करोड़ डॉलर का दान दिया था। उनकी हॉबी रेस के घोड़े तैयार करना भी है।
Adar Cyrus Poonawalla
केविन भारती मित्तल
लंदन के इंपीरियल कॉलेज से इंजीनियरिंग ग्रेजुएट केवल मित्तल ने भारती एंटरप्राइजेज को ज्वाइन करने से पहले गूगल और गोल्डमैन सैक्स के साथ इंटर्नशिप भी की है। केविन के पिता सुनील भारती मित्तल की कंपनी भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी है। 2012 में केविन ने कम्यूनिकेशन सेक्टर में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए एक मैसेजिंग एप हाइक को लॉन्च किया। केविन ने इसे भारत में इंटरनेट का खेल मैदान बताया। जनवरी 2016 में हाइक के यूजर्स की संख्या 10 करोड़ को पार कर चुकी हैं। अपने खाली वक्त में केविन को कार रेसिंग और प्लेन उड़ाना पसंद है।
Kavin Bharti Mittal
आनंद पीरामल
पीरामल ग्रुप के वंशज आनंद ने अपने पिता अजय पीरामल के समृद्ध बिजनेस को ज्वाइन किया, लेकिन वह हेल्थकेयर, ग्लास मैकिंग और फंड मैनेजमेंट बिजनेस में नहीं जाना चाहते थे। इसके इतर उन्होंने रियल्टी सेक्टर में पर्दापण किया। बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए एक इंटरव्यू में आनंद ने कहा कि शुरुआत से ही हम अपने माता-पिता से भगवद् गीता को सुनते आ रहे हैं। मैं एक ऐसा बिजनेस स्थापित करना चाहता हूं, जो खुद अच्छा करने के साथ-साथ समाज का भी अच्छा करे। आनंद पीरामल के रणनीति विचित्र और साहसी है। उनकी कंपनी ने एक पहल शुरू की है, जिसमें यदि कंपनी द्वारा प्रोजेक्ट पूरा करने के बाद पसंद न आने पर खरीदार अपने घर को वापस कंपनी को बेच सकते हैं।
Anand Piramal
अनन्याश्री बिड़ला
कुमार मंगलम बिड़ला के तीन बच्चों में सबसे बड़ी हैं अनन्याश्री। कानूनीरूप से आदित्य बिड़ला ग्रुप की उत्तराधिकारी होने के बाद भी अनन्या एक एंटरप्रेन्योर बन चुकी हैं। 17 साल की उम्र में उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के लिए माइक्रोफाइनेंस बिजनेस स्वतंत्र माइक्राफिन की शुरुआत की है। आदित्य बिड़ला ग्रुप 40 देशों में कारोबार करता है और उसके 120,000 कर्मचारी है। 2015 में कंपनी का रेवेन्यू 2.5 लाख करोड़ रुपए था। ऑक्सफोर्ड से पासआउट अनन्या ने स्वतंत्र माइक्रोफिन की पूरे भारत में 50 ब्रांच खोल दी हैं और 80,000 लोगों को यह अपनी सेवा दे रही है। इस साल अप्रैल तक इसका लोन पोर्टफोलियो तकरीबन 2 करोड़ डॉलर तक पहुंच चुका है। अनन्या को शतरंज खेलना और गिटार बजाना पसंद है।
Ananyashree Birla