नई दिल्ली। घरेलू एयरलाइंस कंपनियों को राहत देते हुए सरकार ने उनके लिए विमान आयात के नियमों को आसान बनाने की घोषणा की है। शनिवार को नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि अब एयरलाइन कंपनियों को शुरुआती मंजूरी सिर्फ नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से ही लेनी होगी। इस कदम से घरेलू एयरलाइन कंपनियों के लिए मंजूरी की प्रक्रिया आसान हो सकेगी। ज्यादातर एयरलाइंस अपने बेड़े का विस्तार करने की तैयारी कर रही हैं।
अभी तक अनुसूचित व क्षेत्रीय अनुसूचित ऑपरेटरों को विमानों के आयात और अधिग्रहण के लिए मंत्रालय की मंजूरी लेनी होती है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मंत्रालय ने शुरुआती अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) की सैद्धान्तिक मंजूरी प्रदान करने का अधिकार डीजीसीए को दे दिया है। अधिकारों का यह स्थानांतरण प्रक्रियाओं को सुगम करने के लिए किया गया है। विमान आयात के लिए मंजूरी ढांचे में बदलाव को क्रियान्वित करने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) तथा रिजर्व बैंक ने भी अपनी मौजूदा अधिसूचना और मास्टर सर्कुलर में संशोधन किया है। डीजीएफटी ने यह संशोधन 9 अक्टूबर को किया, जबकि रिजर्व बैंक ने इसमें बदलाव 26 नवंबर को किया है।
नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो अपना चुका है अंतरराष्ट्रीय मानक
सरकार ने कहा है कि नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) द्वारा तय नियमों को लागू कर चुका है। भारत में हवाई अड्डा परिचालकों तथा एयरलाइनों के लिए सुरक्षा के मानक बीसीएएस ही तय करता है। नागर विमानन मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि बीसीएएस ने संयुक्त राष्ट्र के निकाय आईसीएओ द्वारा तय सुरक्षा नियमों को लागू करने के लक्ष्य पूरे कर लिए हैं। आईसीएओ के एक दल ने अक्टूबर में भारतीय नागर विमानन सुरक्षा प्रणाली तथा दिल्ली हवाई अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था का ऑडिट किया है। इसमें संबंधित कानूनों, विनियमों, सुरक्षाकर्मियों के कार्य और सुरक्षा प्रशिक्षण जैसे नौ क्षेत्रों का ऑडिट किया गया है। बयान में कहा गया है कि आईसीएओ की टीम ने पाया कि भारत में नियमों का 99.23 फीसदी पालन हो रहा है और आईसीएओ के 99.59 फीसदी सुरक्षा मानकों को पूरा किया जा रहा है। आईसीएओ की फरवरी, 2011 की ऑडिट में भारत को 89 फीसदी अंक मिले थे।