नयी दिल्ली: अमेरिका की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनी टेस्ला भारत में विनिर्माण संयंत्र लगा सकती है। टेस्ला के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ने कहा है कि यदि कंपनी भारत में आयातित वाहनों के साथ सफल रहती है, तो बाद में विनिर्माण संयंत्र लगाने पर विचार कर सकती है। मस्क ने कहा कि फिलहाल भारत में आयात शुल्क दुनिया में सबसे ऊंचा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर कम से कम अस्थायी रूप से शुल्क राहत मिलेगी।
मस्क ने ट्विटर पर अपने फालोअर्स के साथ चर्चा में यह बात कही। मस्क से पूछा गया था कि क्या भारत में टेस्ला की कारें उतारी जाएंगी, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसा करना चाहते हैं, लेकिन दुनिया के बड़े देशों में भारत में आयात शुल्क सबसे ऊंचा है।’’ फिलहाल भारत 40,000 डॉलर से अधिक की कीमत की पूरी तरह आयातित कार पर सीआईएफ (लागत, बीमा और भाड़े) के साथ 100 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाता है। इससे कम लागत की कार पर आयात शुल्क की दर 60 प्रतिशत है।
मस्क ने कहा कि भारत डीजल और पेट्रोल वाहनों की तरह की स्वच्छ ऊर्जा वाहनों को भी लेता है, जबकि ये दोनों वाहन उसके जलवायु लक्ष्यों के अनुकूल नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत कम से कम इलेक्ट्रिक वाहनों पर अस्थायी शुल्क राहत देगा। ‘‘यह एक अच्छा कदम होगा।’’ एक फालोअर द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या टेस्ला भारत में स्थानीय स्तर पर असेंबली से शुरुआत करेगी, मस्क ने कहा कि यदि हम आयातित वाहनों के साथ सफल रहते हैं, तो भारत में कारखाना भी लगा सकते हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को बताया था कि टेस्ला ने आयात शुल्क में कटौती का आग्रह किया है।