नई दिल्ली। भारत की रेल पटरियों पर देश की पहली और सबसे तेज चलने वाली ट्रेन का ट्रायल संभवता जून से शुरू होने वाला है। स्पेन की टेलगो कंपनी मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत देश में जल्द ही हाईस्पीड ट्रेन का ट्रायल करेगी। 5 अप्रैल को दिल्ली और आगरा के बीच शुरू हुई गतिमान एक्सप्रेस से भी ज्यादा इस नई रेल की स्पीड होगी। रेलवे बोर्ड ट्रायल के लिए कंपनी को हाईटेक रेक को इंपोर्ट करने की अनुमति पहले ही दे चुका है। हाईटेक कोच के रैक आने पर पहला ट्रायल दिल्ली-मुंबई रूट पर 180 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से होगा। इस रफ्तार से दिल्ली-मुंबई के बीच मौजूदा रेल सफर का समय 17 घंटे से घटकर 7 से 10 घंटे के बीच का रह जाएगा। ट्रायल सफल रहने पर इस साल के अंत तक इस रूट पर मिनी बुलेट ट्रेन के चलने की संभावना है।
जानकारी के मुताबिक बार्सिलोना से शिप के जरिये 9 कोच भारत के लिए भेजे गए हैं और कुछ ही दिनों में यह शिप मुंबई के बंदरगाह पर पहुंच जाएगा। बताया जा रहा है कि मुंबई में बंदरगाह पर उतरने के बाद इन कोच को इज्जतनगर डिपो भेजा जाएगा, जहां से जून में इन्हें पटरियों पर दौड़ाने के लिए भेजा जाएगा। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पहले टेलगो ट्रेन को बरेली और मुरादाबार के बीच दौड़ाया जाएगा। यहां पर पहले यह ट्रेन 115 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। अधिकारी का कहना है कि यहां पर ट्रेन में कंपन का ट्रायल होगा। इसके बाद इसी ट्रेन को मथुरा और पलवल के बीच 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जाएगा। यह भी ट्रायल रन होगा। इस ट्रेन का तीसरा टेस्ट मुंबई से दिल्ली के बीच होगा, जहां पर यह ट्रेन अपने पूर्ण प्रदर्शन यानी 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि टेलगो ट्रेन को बिना किसी बदलाव के भारतीय पटरियों पर 160-200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाया जा सकता है।
तस्वीरों में देखिए ट्रेन की खासियत
Talgo high speed train
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राजधानी से डेढ़ गुना ज्यादा स्पीड से चलेगी ट्रेन
टेलगो ट्रेन की रफ्तार अभी दिल्ली-मुंबई रूट पर सबसे तेज चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस से डेढ़ गुना ज्यादा होगी। अभी राजधानी एक्सप्रेस मौजूदा पटरियों पर अधिकतम 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है और दिल्ली-मुंबई के बीच का 1400 किलोमीटर का सफर 80 से 85 किलोमीटर के एवरेज स्पीड से 17 घंटे में पूरा करती है। वहीं टेलगो ट्रेन इसी दूरी को 160 से 220 किलोमीटर की रफ्तार पर 7 से 12 घंटे के बीच में पूरा करेगी।
विदेशों में है लोकप्रिय
टेलगो ट्रेन अमेरिका, रूस समेत कई देशों में बेहद लोकप्रिय है। इस ट्रेन में रफ्तार के साथ वो सबकुछ है, जिसकी जरूरत ट्रेन में सफर करने वाले यात्री महसूस करते हैं। हाईस्पीड ट्रेन के कोच में जहां बैठने के लिए एयरोप्लेन की तरह सीटें हैं तो वहीं सोने के लिए बेहद आरामदायक स्लीपर कोच भी हैं। ट्रेन में लो फ्लोर कोच लगे हुए हैं, जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म से ट्रेन में चढ़ने-उतरने में काफी आसानी होती है।
प्रदूषण कम करने में भी सहायक
एक टेलगो ट्रेन की कैपिसिटी 550 यात्रियों को ले जाने की होती है। कंपनी का दावा है कि इस ट्रेन में सफर के दौरान दूसरे ट्रेनों के मुकाबले यात्रियों को कंपन काफी कम महसूस होता है साथ ही इससे होने वाला ध्वनि प्रदूषण भी काफी कम होता है। टेलगो ट्रेन दूसरे ट्रेनों के मुकाबले काफी हल्की होती है, ऐसे में करीब 30 फीसदी बिजली की बचत होती है और चलाने का खर्च भी कम आता है।