नई दिल्ली। टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वह टेलीकॉम कंपनियों की कॉल ड्रॉप और सर्विस क्वालिटी को लेकर सख्ती बनाए रखेंगे। प्रसाद ने कहा, मैं देश के हर कोने में मोबाइल सर्विस पहुंचाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों की प्रशंसा करता हूं, लेकिन मैं इस बात को लेकर भी समान रूप से चिंतित हूं कि सर्विस की क्वालिटी बनी रहे। मैं उन्हें इस समस्या को समझाने के लिए कड़ी मशक्कत करूंगा। अब वह इस पर काम कर रहे हैं।
टेलीकॉम कंपनियों पर जारी रहेगी सख्ती
संसद में पेश आधिकारिक आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटरों ने देश भर में 29,000 मोबाइल टावर लगाए हैं। जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल ने अप्रैल- नवंबर 2015 की अवधि में 4,144 नए टावर जोड़े हैं। जहां तक मोबाइल कॉल और अन्य मोबाइल सर्विस की क्वालिटी का सवाल है मोबाइल टावर की अहम भूमिका है। प्रसाद ने कहा वह कई पहले कर रहे हैं। मैं सख्ती जारी रखूंगा। ऐसा करना टेलीकॉम ऑपरेटरों का दायित्व है, उन्हें यह करना चाहिए।
ट्राइ का फैसला सही: प्रसाद
प्रसाद ने उस समय दूरसंचार नियामक ट्राइ का बचाव किया जब फिक्की के एक प्रतिनिधि ने सुझाव दिया कि नियामक को नियंत्रक नहीं होना चाहिए। उद्योग ने हाल ही में ट्राइ के उस नियम को चुनौती दी है जिसके तहत एक दिन में तीन कॉल ड्राप पर सेवा प्रदाता कंपनी को ग्राहक को एक रुपए का भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा, मैं सहमत हूं कि नियामकों को यह समझना चाहिए कि नियमन और विकास का उचित मिश्रण होना चाहिए। लेकिन उन्होंने यह भी कहा, यदि नियामक अथवा विभाग किसी खास सेवा गुणवत्ता पर जोर देता है तो आप आपत्ति उठाकर उस दायित्व से नहीं भाग सकते। यदि सेवा की गुणवत्ता अच्छी होगी तो उनके साथ खड़ा होने वाला मैं पहला व्यक्ति होऊंगा।