नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनियों ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण से सेवाओं की न्यूनतम दरें तय करने की प्रस्तावित व्यस्था लागू करने में तेजी करने का आग्रह किया है। निजी क्षेत्र की दूरसंचार सेवा कंपनियों ने कहा कि इस क्षेत्र की मजबूती और कंपनियों को स्पेक्ट्रम तथा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के बकायों के भुगतान की हालत में बनाए रखने के लिए न्यूनतम मूल्य या फ्लोर प्राइस बेहद जरूरी कदम होगा। न्यूनतम दर व्यवस्था लागू होने पर कोई कंपनी बाजार प्रतिस्पर्धा में सेवा का मूल्य उससे कम नहीं रख पाएगी। बाजार में रिलायंस जियो के आने के बाद सेवाओं की दरें गिरी हैं।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने ट्राई को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर जल्द खुली चर्चा कराए जाने की मांग की है। सीओएआई के सदस्यों में भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो जैसी कंपनियां हैं। ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा को लिखे इस पत्र में सीओएआई ने कहा है कि क्षेत्र पर वित्तीय दबाव तथा इस तथ्य को देखते हुए कि भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में औसत राजस्व प्रति ग्राहक (एआरपीयू) और शुल्क दर दुनिया में सबसे निचले स्तर पर हैं, न्यूनतम कीमत तय किया जाना जरूरी है। पत्र में कहा गया है कि दूरसंचार क्षेत्र को आगे टाले गए स्पेक्ट्रम भुगतान तथा एजीआर का बकाया चुकाना है। साथ ही विश्वस्तरीय नेटवर्क और सेवाओं में निवेश करना भी जरूरी है, ऐसे में क्षेत्र को टिकाऊ बनाने को न्यूनतम मूल्य को जल्द से जल्द तय किया जाना चाहिए।
सीओएआई ने कहा कि उद्योग चाहता है कि नियामक डेटा सेवाओं के न्यूनतम शुल्क पर जल्द फैसला करे। पत्र में कहा गया है, ‘‘हमें इस बात की जानकारी है कि कोविड-19 की वजह से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर कुछ अड़चनें हैं लेकिन प्राधिकरण ने अब ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिये विभिन्न विषयों पर खुली चर्चा का आयोजन शुरू कर दिया है। इसी के मद्देनजर हमारा आग्रह है कि इस मुद्दे पर भी जल्द खुली चर्चा का आयोजन किया जाए।