नई दिल्ली। भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य टेलीकॉम कंपनियों को पुराने सांविधिक बकाया के रूप में सरकार को 1.47 लाख करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा। टेलीकॉम कंपनी रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को संसद में कहा कि उक्त बकाया भुगतान पर लगने वाले ब्याज और जुर्माने से राहत देने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव सरकार के सामने नहीं है।
एक अन्य सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों पर सरकार का लाइसेंस फीस के रूप में 92,642 करोड़ रुपए बकाया है। स्पेक्ट्रक उपयोग शुल्क के रूप में इन कंपनियों को 55,054 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले महीने अपने आदेश में नॉन-टेलीकॉम राजस्व को सांविधिक बकाया के रूप में गणना करने के आदेश के बाद टेलीकॉम कंपनियों पर ये देनदारी अचानक आ गई है।
टेलीकॉम कंपनियों पर जुर्माना लगाने के सवाल पर प्रसाद ने कहा कि विभिन्न टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स पर स्पेक्ट्रम यूजेस चार्ज के रूप में 31 अक्टूबर, 2019 तक कुल 55,054 करोड़ रुपए बकाया है। एजीआर आंकड़ा तय होने और इसके अनुसार आकलन पूरा होने के बाद यह आंकड़ा संशोधित भी हो सकता है।
मंत्री ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर की समस्याओं का हल निकालने के लिए कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में एक सचिवों की समिति का गठन किया गया है। भारती एयरटेल पर कुल 35,586 करोड़ रुपए की देनदारी है, जिसमें 21,682 करोड़ रुपए लाइसेंस फीस और अन्य 13,904.01 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम यूजेस चार्ज के हैं।
वोडाफोन आइडिया के मामले में यह देनदारी 53,038 करोड़ रुपए है, जिसमें 24,729 करोड़ रुपए एसयूसी और 28,309 करोड़ रुपए लाइसेंस फीस के हैं। प्रसाद ने कहा कि सरकार वर्तमान में टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर पर आधारित बकाया लाइसेंस फीस पर जुर्माना और ब्याज में राहत देने वाले किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है।