नई दिल्ली। टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स की सकल आय वित्त वर्ष 2016-17 की अप्रैल-जून तिमाही में पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले 12.79 प्रतिशत बढ़कर 73,344 करोड़ रुपए रही।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की जून में समाप्त तिमाही की प्रदर्शन संकेतक रिपोर्ट के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में टेलीकॉम कंपनियों की सकल राजस्व (जीआर) तथा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) आय क्रमश: 73,344 करोड़ और 53,383 करोड़ रुपए रही।
- रिपोर्ट के अनुसार आलोच्य अवधि में टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों के जीआर और एजीआर में क्रमश: 7.33 प्रतिशत और 10.34 प्रतिशत वृद्धि रही।
- पिछले वर्ष साल दर साल आधार पर इनमें क्रमश: 12.79 प्रतिशत और 13.26 प्रतिशत वृद्धि रही थी।
- पिछले वर्ष यह राशि सकल राजस्व 65,030.31 करोड़ रुपए और समायोजित सकल राजस्व 47,134.27 करोड़ रुपए रही थी।
- टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं द्वारा अप्रैल से जून अवधि में सरकार को 4,314 करोड़ रुपए लाइसेंस शुल्क के तौर पर भुगतान किया गया।
- रिपोर्ट के अनुसार पिछले तिमाही के मुकाबले लाइसेंस शुल्क में 11.43 प्रतिशत और एक साल पहले की इसी तिमाही के मुकाबले 14.05 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।
कॉल ड्रॉप मानक पर टेलीकॉम कंपनियों का प्रदर्शन सुधरा
सरकार ने राज्यसभा को सूचित किया कि सितंबर 2015 और जून 2016 के बीच नियामक संस्था ट्राई के तिमाही रिपोर्ट के अनुसार कॉल ड्रॉप मानक को पूरा करने के मामले में टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों के प्रदर्शन में निरंतर सुधार आया है।
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में टेलीकॉम राज्यमंत्री ने बताया कि ट्राई के वेबसाइट पर उपलब्ध सितंबर 2015, दिसंबर 2015, मार्च 2016 और जून 2016 की तिमाही प्रदर्शन निगरानी रिपोर्ट से इस बात का पता लगा है कि कॉल ड्रॉप के संबंध में मानकों के संदर्भ में सेवा प्रदाताओं के प्रदर्शन में निरंतर सुधार हुआ है।