लखनऊ। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए. के. मित्तल का कहना है कि आने वाले समय में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जाएगी। लेकिन ये परिवर्तन धीरे-धीरे होगा। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न रूटों पर तेजस ट्रेनें औसतन 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती नजर आएंगी। तेजस ट्रेनें लगभग सभी बड़े शहरों से जुड़ेंगी। वहीं लंबे रूट पर टैल्गो ट्रेनों की रफ्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटा से ऊपर होगी।
रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्डस आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) की 32वीं गवर्निग काउंसिल की बैठक में छह प्रस्तुतियां दी गईं। आरडीएसओ टीम द्वारा दी गई प्रस्तुतियों में रेलवे सिगनल रिडंडेंसी के लिए वैकल्पिक समाधानों, अल्ट्रासॉनिक रेल पटरी फ्रेक्चर डिटेक्शन सिस्टम और स्पेनिस ट्रेन टेल्गो के नई डिजाइन कोचों के परीक्षणों एवं विशेषताओं को शामिल किया गया है। रेलवे बोर्ड अध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों ने ऐसी परियोजनाएं शुरू करने पर जोर दिया, जिनसे संरक्षा में सुधार, परिवहन की लागत में कमी, थ्रूपुट में वृद्धि हो तथा क्षेत्रीय रेलों पर कार्य के दौरान महसूस की जा रही समस्याओं का समाधान करने वाली हों।
Talgo high speed train
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परिसंपत्तियों की विश्वसनीयता में सुधार, लंबी रेलगाड़ियों के प्रचालन हेतु डिस्ट्रीब्यूटेड पॉवर कंट्रोल सिस्टम का प्रोलिफेरेशन, हैड-ऑन-जेनरेशन सुविधा वाले रेल इंजनों सहित पॉवर कारों को हटाना, सेल्फ-जेनरेटिंग एलएचबी कोचों, फॉग विजन, मानव रहित समपारों के उन्मूलन हेतु आरओबी एवं आरयूबी की डिजाइन शीघ्र तैयार करने, कोचों के इंसुलेशन में सुधार, स्मार्ट पॉवर कार का विकास आदि को लेकर चर्चा हुई।