मुंबई। देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) का शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 24.1 प्रतिशत बढ़कर 8,105 करोड़ रुपए रहा है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 6,531 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था। समीक्षाधीन तिमाही में टीसीएस के राजस्व में 20.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और यह 37,338 करोड़ रुपए रहा है, जो पिछले साल की समान तिमाही में 30,904 करोड़ रुपए था।
टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथ ने एक बयान में कहा कि हमनें दिसंबर तिमाही में 12.1 प्रतिशत की रेवेन्यू ग्रोथ के साथ 2018 का समापन किया है, जो पिछले 14 तिमाहियों से सबसे अधिक है। इस दौरान कंपनी ने सभी भौगोलिक क्षेत्रों में और प्रमुख वर्टिकल्स में निरंतर वृद्धि दर हासिल की है। उन्होंने कहा कि मजबूत ग्राहक आधार, डिजिटल सर्विसेस में इंडस्ट्री लीडिंग ग्रोथ, मजबूत ऑर्डर बुक और डील पाइपलाइन से टीसीएस के मजबूती का पता चलता है।
कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी वी रामाकृष्णन ने कहा कि विभिन्न मुद्राओं के सामने रुपए के अवमूल्यन और कुछ प्रमुख बाजारों में कारोबार की ऊंची लागत के बावजूद टीसीएस का ऑपरेटिंग मार्जिन बेहतर रहा है। उन्होंने कहा कि हम अपना ध्यान अपने ऑपरेशन, मजबूत नकदी प्रवाह बनाए रखने और मुनाफे को बढ़ाने पर ही रखेंगे, जबकि भविष्य की वृद्धि के लिए निरंतर निवेश भी जारी रहेगा।
अक्टूबर-दिसंबर 2018 तिमाही में टीसीएस ने 6,827 लोगों को अपने साथ जोड़ा है और इसके साथ ही कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 4,17,929 हो गई है। पिछले 12 महीनों के आधार पर इस तिमाही में कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने की दर 11.2 प्रतिशत रही है। कंपनी ने प्रति शेयर 4 रुपए के तीसरे अंतरिम डिविडेंड की भी घोषणा की है।