नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा निर्यात करने वाली टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) ने गुरुवार को घोषणा की है कि उसका बोर्ड 20 फरवरी को शेयर पुनर्खरीद प्रस्ताव पर विचार करेगा। देश की तमाम बड़ी आईटी कंपनियों के पास नकदी का बहुत बड़ा भंडार है। उदाहरण के लिए, टीसीएस के पास 43,000 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी है।
- टीसीएस ने इसी क्षेत्र की प्रतिद्वंदी कंपनी कॉग्निजेंट के 3.4 अरब डॉलर के शेयरों की पुनर्खरीद कार्यक्रम की घोषणा के बाद यह कदम उठाया है।
- हालांकि टीसीएस ने इस पुनर्खरीद के आकार की जानकारी नहीं दी है लेकिन बंबई शेयर बाजार को दी जानकारी में कंपनी ने बताया कि उसका बोर्ड पुनर्खरीद के प्रस्ताव पर 20 फरवरी 2017 की बैठक में विचार करेगा।
- कंपनी ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भारतीय आईटी कंपनियों से उनके पास जमा भारी नकद राशि के उपयोग को लेकर उनके शेयरधारक सवाल उठा रहे
- ग्रोथ रेट घटने और शेयर भाव लुढ़कने के चलते तमाम विश्लेषकों का कहना है कि आईटी कंपनियों को नकदी का उपयोग शेयर पुनर्खरीद करने में करना चाहिए, जो शेयर भाव बढ़ाने में मददगार होगा।
- शेयर पुनर्खरीद कार्यक्रम शेयरधारकों को पैसे वापस करने का एक रास्ता है। कंपनी बाजार से अपने ही शेयर वापस खरीदती है, ऐसा सामान्यता तब किया जाता है जब शेयर के भाव बहुत अधिक गिर जाते हैं।
- टीसीएस प्रमुख एन चंद्रशेखरन ने कल कहा था कि उनके निवेशकों ने इस्तेमाल न हो रही नकदी के इस्तेमाल के लिए लाभांश वितरण नीति में बदलाव करने और बायबैक जैसे कदम उठाने के सुझाव दिए हैं।
- इंफोसिस के पास भी 35,000 करोड़ रुपए की नकदी है। उस पर भी शेयर पुनर्खरीद का दबाव है।