नई दिल्ली। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) दुनिया का तीसरा सबसे मूल्यवान आईटी ब्रांड बन गया है। एक्सेंचर (Accenture) और आईबीएम (IBM) क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर हैं। ब्रांड फाइनेंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की शीर्ष दस कंपनियों में चार भारतीय कंपनियों टीसीएस, इंफोसिस, एचसीएल और विप्रो को जगह मिली है। ब्रांड फाइनेंस की रिपोर्ट के मुताबिक तीसरे स्थान वाली टीसीएस और दूसरे स्थान वाली आईबीएम के बीच अंतर तेजी से घट रहा है और टीसीएस का ब्रांड मूल्य 11 प्रतिशत बढ़कर 15 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है।
टीसीएस की मुख्य सेवाओं की मांग बढ़ने के साथ ही उसकी आय तेजी से बढ़ी है और उसने अकेले 2020 की चौथी तिमाही में 6.8 अरब डॉलर का काम हासिल किया। कंपनी ने यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में खासतौर से बढ़त हासिल की है और उसे उम्मीद है कि आगामी साल उसके लिए बेहतर साबित होगा। एक्सेंचर ने 26 अरब डॉलर के ब्रांड मूल्य के साथ दुनिया के सबसे मूल्यवान और सबसे मजबूत आईटी सेवा ब्रांड का खिताब बरकरार रखा, जबकि आईबीएम 16.1 अरब डॉलर के ब्रांड मूल्य के साथ दूसरे स्थान पर रही।
रिपोर्ट के मुताबिक ब्रांड मू्ल्य के लिहाज से इंफोसिस चौथे स्थान पर, एचसीएल सातवें स्थान पर और विप्रो नौंवे स्थान पर रही। इंफोसिस ने कॉग्नीजैंट को पीछ़े छोड़कर यह स्थान हासिल किया है। उसकी ब्रांड वैल्यू 19 प्रतिशत बढ़कर 8.4 अरब डॉलर हो गई है। कॉग्नीजैंट की ब्रांड वैल्यू 6 प्रतिशत घ्ज्ञटकर 8 अरब डॉलर हो गई है।
टेक महिंद्रा की ब्रांड वैल्यू 11 प्रतिशत बढ़कर 2.3 अरब डॉलर हो गई और यह लिस्ट में 15वें स्थान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक एलटीआई को सेक्टर की सबसे तेज विकसित होती कंपनी माना गया है। इसने अपनी ब्रांड वैल्यू में 37 प्रतिशत की ग्रोथ हासिल की है और यह 21वें स्थान पर है। इसकी ब्रांड वैल्यू 98.2 करोड़ डॉलर है। पिछले पांच सालों से एलटीआई निरंतर सालाना आधार पर दोहरे अंकों में वृद्धि हासिल कर रही है।