Tuesday, December 24, 2024
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टैक्‍स चोरी करना नहीं होगा आसान, अमीरों पर टेक्‍नोलॉजी की मदद से नजर रख रहे हैं टैक्‍स अधिकारी

अति धनाढ्य और उच्च आयवर्ग के लोगों द्वारा इनकम टैक्‍स चोरी पर नजर रखने के लिए इनकम टैक्‍स विभाग आधुनिक टेक्‍नोलॉजी का सहारा ले रहा है।

Abhishek Shrivastava
Updated : March 02, 2016 20:53 IST
टैक्‍स चोरी करना नहीं होगा आसान, अमीरों पर टेक्‍नोलॉजी की मदद से नजर रख रहे हैं टैक्‍स अधिकारी
टैक्‍स चोरी करना नहीं होगा आसान, अमीरों पर टेक्‍नोलॉजी की मदद से नजर रख रहे हैं टैक्‍स अधिकारी

नई दिल्‍ली। अति धनाढ्य और उच्च आयवर्ग के लोगों द्वारा इनकम टैक्‍स चोरी करना अब आसान नहीं होगा। रिटर्न में अपनी वास्‍तविक इनकम छुपाने के मामलों से निपटने के लिए इनकम टैक्‍स विभाग आधुनिक टेक्‍नोलॉजी का सहारा ले रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन अतुलेश जिंदल ने कहा कि एक करोड़ रुपए अथवा इससे अधिक सालाना इनकम वाले वेतनभोगी लोगों की संख्या एक करोड़ से भी कम है। उल्लेखनीय है कि बजट में एक करोड़ रुपए सालाना से अधिक कमाई करने वालों पर सरचार्ज 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है, ऐसे में टैक्‍स बचाने के लिए वास्‍तविक इनकम छुपाने की संभावना अधिक बढ़ गई है। सालाना एक करोड़ या इससे अधिक इनकम वाले व्‍यक्तियों पर 10 फीसदी सरचार्ज सबसे पहले 2013-14 में वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम ने लगाया था।

जिंदल ने कहा कि इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट सीधा हस्तक्षेप न करने वाली आधुनिक टेक्‍नोलॉजी का सहारा ले रहा है। उन्‍होंने कहा कि जहां तक उच्च आय वर्ग की बात है, मैं सहमत हूं कि इनमें कुछ मामलों में इनकम को कम करके दिखाया जाता है और टैक्‍स चोरी की जाती है। इन मामलों का अध्ययन करने के लिए कुछ समितियां बनाई गईं, इन समितियों ने भी कहा कि उच्च आय वर्ग के कुछ लोग इनकम को कम करके दिखाते हैं और टैक्‍स चोरी करते हैं। हालांकि, ऐसा कुछ ही मामलों में होता है पर इस वर्ग के सभी लोग अपनी रिटर्न दाखिल करते हैं।

जिंदल ने कहा कि इस तरह के मामलों से निपटने के लिए हम सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि बिना अनुचित हस्तक्षेप के और उपायों का इस्तेमाल किया जाए। हम व्यापक पैमाने पर सूचना प्रौद्योगिकी उपायों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारे पास ऐसी भी प्रणाली है जिसमें रिटर्न में मिलने वाली सूचना और हमारे पास पहले से उपलब्ध जानकारी का मिलान किया जा सकता है।

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