नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद नकदी जमाओं की जांच कड़ी करते हुए इनकम टैक्स विभाग की उन कारोबारी फर्मों पर निगाह है, जिन्होंने नवंबर-दिसंबर में अपनी नकद बिक्री में अचानक उछाल दिखाया है।
विभाग ने किसी तरह की संभावित टैक्स चोरी को रोकने के लिए यह कदम उठाया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि,
नकद बिक्री में असामान्य उछाल के हर मामले में सम्बद्ध कंपनी, उपक्रम या कारोबारी फर्म के पिछले महीनों के आंकड़ों से मेल किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कारोबारी बिक्री के नाम पर कालेधन को सफेद करने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं।
- अधिकारियों के निशाने पर वे फर्म हैं जिन्होंने नोटबंदी की घोषणा के बाद अपनी नकद बिक्री या भंडार खरीद में अचानक उछाल दिखाया है।
- उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की और 500 व 1000 रुपए के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया।
- अधिकारी के अनुसार ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें फर्मों ने बिक्री में बढ़ोतरी या भंडार बेचने का हवाला देते हुए ऊंचा टैक्स जमा करवाया है।
- अधिकारी अब ऐसी फर्मों के नकदी लेनदेन का उनके साल के सामान्य कारोबार से मेल करेंगे।
- इस तरह की फर्मों की मासिक बिक्री आदि के आंकड़ों को देखा जाएगा।
- अधिकारियों के अनुसार इस पहल का उद्देश्य यही है कि नोटबंदी के दौरान कोई कंपनी कारोबार बिक्री की आड़ में कालेधन को सफेद नहीं कर पाए।