नई दिल्ली। कालाधन को लेकर एकबारगी अनुपालन सुविधा के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाने के बाद अब आयकर विभाग 2.59 लाख करदाताओं को पत्र लिखेगा, जिसमें करीब 5.5 लाख करोड़ रुपए के टैक्स विवाद निपटारे के लिए ऐसी ही एक योजना का लाभ उठाने के लिए कहा जाएगा। सरकार ने टैक्स विवादों के निपटारे के लिए प्रत्यक्ष टैक्स विवाद निपटान योजना 2016 को एक जून से अमल में ला दिया है। इसमें आयकर विभाग में प्रथम अपीलीय प्रणाली के तहत आयकर आयुक्त के समक्ष विवादों के निपटारे किए जाएंगे।
ताजा आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 10 लाख रुपए से अधिक के टैक्स आकलन वाली 73,402 अपीलें और 10 लाख रुपए से कम टैक्स आकलन वाली 1,85,858 अपीलें आयकर आयुक्त के समक्ष लंबित हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कुल मिलाकर 2,59,260 आवेदक इस योजना का लाभ उठाने के पात्र हैं। टैक्स विभाग इनमें से प्रत्येक करदाता को पत्र लिखेगा, जिसमें उन्हें 120 दिन की तय अवधि के भीतर लंबित टैक्स विवाद को सुलझाने के लिए कहा जाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट भाषण में इस योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि इन मामलों में 5.5 लाख करोड़ रुपए की राशि अटकी पड़ी है। व्यक्तिगत करदाताओं को पत्र लिखने के अलावा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि विभाग विभिन्न क्षेत्रों में इस संबंध में चार्टर्ड एकाउंटेंट और बार एसोसिएशनों के साथ इस योजना को पूरी तरह सफल बनाने के लिए परिचर्चा सत्रों का आयोजन करेगा।
योजना के मुताबिक जिस करदाता की आयकर आयुक्त के समक्ष अपील लंबित है, वह विवादित टैक्स राशि और आकलन तिथि तक ब्याज की अदायगी कर मामले का निपटारा कर सकता है। जिन लंबित मामलों में 10 लाख रुपए विवादित टैक्स राशि शामिल है उनमें कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। टैक्स विवाद के ऐसे मामले जिनमें 10 लाख रुपए से अधिक टैक्स राशि शामिल है, योजना के तहत इन मामलों में टैक्स, ब्याज और लगाए गए अथवा लगने वाले 25 फीसदी जुर्माने की अदायगी पर 75 फीसदी जुर्माने से छूट दे दी जाएगी। इसके अलावा 25 फीसदी जुर्माना देकर जुर्माना आदेश के खिलाफ की गई लंबित अपील का निपटारा भी किया जा सकता है। योजना का लाभ उठाने वाले करदाता को विवादित टैक्स के तहत दंडात्मक कारवाई से भी छूट मिलेगी।
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