नई दिल्ली। रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को बताया कि उसने पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स दोनों में 1.37 लाख करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का पता लगाया है। इसके अलावा डिपार्टमेंट ने 1,000 से ज्यादा शेल कंपनियों की भी पहचान की है, जो 13,300 करोड़ रुपए के बोगस ट्रांजैक्शन में संलिप्त हैं। टैक्स चोरी करने वालों को चेतावनी देते हुए रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने कहा है कि आगे आने वाले दिनों में काले धन के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डिपार्टमेंट ने कहा कि 245 बेनामी लेनदेन की पहचान की गई है और नवंबर 2016 से लागू हुए बेनामी लेनदेन रोकथाम कानून के तहत 124 मामलों में 55 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियां कुर्क की गई हैं। डिपार्टमेंट ने कुल 23,064 सर्च को अंजाम दिया, जिसमें से 17,525 इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने और बाकी कस्टम, एक्साइज और सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट ने की हैं।
वित्त वर्ष 2013-14 से 2015-16 के दौरान 1.37 लाख करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी का पता लगाया गया है। इसमें 69,434 करोड़ रुपए इनकम टैक्स, 11,405 करोड़ रुपए कस्टम, 13,952 करोड़ रुपए सेंट्रल एक्साइज और 42,727 करोड़ रुपए सर्विस टैक्स चोरी के हैं। इसके अलावा 2,814 मामलों में आपराधिक मुकदमा दायर किया गया है, जिसमें से 1,966 इकनम टैक्स के मामले हैं। कुल 3,893 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
141.13 करोड़ रुपए मूल्य के 2000 व 500 रुपए के नए नोट हुए जब्त
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य एजेंसियों ने देश के विभिन्न कोनों से 141.13 करोड़ रुपए मूल्य के 2000 व 500 रुपए के नए नोट जब्त किए हैं। इनमें से 110 करोड़ रुपए के नए नोट इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने, 4.54 करोड़ रुपए के नोट प्रवर्तन निदेशालय, 26.21 करोड़ रुपए के नोट सीबीआई ने और 38 लाख रुपए के नोट डीआरआई ने जब्त किए हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोक सभा में बताया कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त किए गए सभी नए 2000 व 500 रुपए के नए नोटों को एसबीआई या अन्य राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा कराया गया है, ताकि वे दोबारा परिचालन में आ सकें।