नई दिल्ली। जीएसटी वसूली से चिंतित कर विभाग (टैक्स डिपार्टमेंट) ने बड़ा फैसला लेते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के लक्ष्य में बढ़ोतरी कर दी है। कर विभाग ने फरवरी के लिए जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य 1.15 लाख करोड़ रुपए और मार्च के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपए तय कर दिया है। इस तरह टैक्स डिपार्टमेंट को अगले दो महीनों में 2.40 लाख करोड़ रुपए जुटाने होंगे।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, टैक्स डिपार्टमेंट ने धोखाधड़ी कर इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावों पर लगाम लगाकर यह लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक, इस संबंध में निर्णय 17 जनवरी को आयोजित राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया है। बैठक में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य हासिल करने के लिए कार्य योजना तैयार करने और क्षेत्रों में काम को दुरुस्त करने को लेकर यह बैठक हुई।
जीएसटी प्राधिकरण उठाएगा ये कदम
जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने के लिए इन दो महीनों में जीएसटी प्राधिकरण आपूर्ति और खरीद बिलों के बीच अंतर को भी देखेगा। इसके अलावा जीएसटी-1, जीएसटीआर-2ए और जीएसटीआर-3बी में अंतर का पता लगाने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा। साथ ही रिटर्न नहीं फाइल होने, बिल बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने और फर्जी बिल के द्वारा कर चोरी जैसे मामलों पर भी गौर किया जाएगा। साथ ही फर्जी तरीके से बड़े इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों पर कार्रवाई जैसे कदम उठाए जाएंगे।
गौरतलब है कि दिसंबर में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 3 हजार 184 करोड़ रुपए रहा, यह लगातार दूसरा महीना है जब जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का रहा है। वहीं जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद अब तक 9 बार कलेक्शन सरकार के लक्ष्य 1 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचा है। हालांकि, नवंबर 2019 की तुलना में मामूली कमी आई है। सरकार को नवंबर में जीएसटी से 1 लाख 3 हजार 492 करोड़ रुपए मिले थे।