नई दिल्ली। सरकार आगामी बजट में चमड़ा और जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर के लिए टैक्स छूट देने पर विचार कर रही है। इससे मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात निर्यात को बढ़ावा मिल सके। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत चमड़ा और चमड़े से बनी वस्तुओं का क्षेत्र फोकस एरिया है और 2020 तक इसका निर्यात मौजूदा के 6 अरब डॉलर से बढ़ाकर 15 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य है।
टैक्स छूट मिली तो 15 अरब डॉलर के लक्ष्य को पान होगा आसान
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने 2016-17 बजट के लिए अपने सुझावों में आयातित चमड़ा मशीनरी पर सीमा शुल्क खत्म करने सहित कई पहल का सुझाव दिया है। अभी चमड़ा मशीनरी के आयात पर करीब 26.5 फीसदी शुल्क लगता है। साथ ही मंत्रालय ने 2,000 रुपए तक के सभी चमड़ा एवं गैर-चमड़ा वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क घटाने और अबेटमेंट दर 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करने की भी सिफारिश की है। सूत्रों ने कहा कि यदि इन सुझावों को मान लिया गया तो इससे प्रौद्योगिकी उन्नयन, क्षमता का आधुनिकीकरण, विनिर्माण क्षेत्र के विस्तार और 15 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। चमड़ा निर्यात परिषद के चेयरमैन रफीक अहमद ने कहा कि इस क्षेत्र में करीब 30 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है और इस क्षेत्र को प्रोत्साहन के लिए मदद की दरकार है।
आर्टिफिशियल ज्वैलरी पर उत्पाद शुल्क समाप्त करने की मांग
जेम्स एंड ज्वैलरी के लिए उद्योग ने सीमा शुल्क की दर मौजूदा 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने और आर्टिफिशियल ज्वैलरी पर उत्पाद शुल्क समाप्त करने की मांग की है। भारतीय आर्टिफिशियल ज्वैलरी की लोकप्रियता दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है और यदि इन सुझावों को लागू किया जाता है तो इससे आर्टिफिशियल ज्वैलरी के आर्टिफिशियल ज्वैलरी और निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। वित्त मंत्री अरण जेटली 29 फरवरी को आम बजट पेश करेंगे।