मुंबई। तीसरी तिमाही में कॉरपोरेट जगत की बड़ी कंपनियों ने टैक्स भुगतान में विलंब किया है। ऐसे में आयकर अधिकारियों ने अब लक्ष्य को हासिल करने के लिए बकाया टैक्स को वसूलने तथा नए सिरे से सर्वे करने का फैसला किया है। आयकर के प्रधान मुख्य आयुक्त तथा मुंबई क्षेत्र के प्रमुख डीएस सक्सेना ने शुक्रवार को बताया कि कुल कर संग्रहण पिछले साल से बेहतर रहा है, लेकिन कुछ कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। ऐसे में हमारी उम्मीद अंतिम तिमाही में 12,000 करोड़ रुपए के बकाये की वसूली पर टिकी है। सक्सेना ने कहा कि हम सर्वे की संख्या बढ़ाने तथा 2,560 अरब रुपए के लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
सीबीडीटी ने मुंबई क्षेत्र के लिए 2,560 अरब रुपए का लक्ष्य तय किया है। यह सबसे बड़ा क्षेत्र है, जो कुल कर राजस्व में एक-तिहाई से अधिक का योगदान करता है। चालू वित्त वर्ष के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रहण का सालाना लक्ष्य 7,980 अरब रुपए है। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 16 फीसदी अधिक है। आयकर अधिकारियों के अनुसार कई कंपनियों ने तीसरी तिमाही में कर भुगतान में चूक की है, हालांकि कुल संग्रहण संतोषजनक रहा है।
मुंबई क्षेत्र से 22 दिसंबर तक शुद्ध कर संग्रहण 1,59,372 करोड़ रुपए रहा है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 1,38,956 करोड़ रुपए से 14.6 फीसदी अधिक है। इसमें कॉरपोरेट कर का हिस्सा 1,08,209 करोड़ रुपए रहा है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 91,363 करोड़ रुपए से 18.4 फीसदी अधिक है। इसके बावजूद कॉरपोरेट कर संग्रहण तीसरी तिमाही में चिंता का विषय रहा है, क्योंकि इसके भुगतान के लिए अब एक सप्ताह का समय ही बचा है। इस्पात एवं सीमेंट कंपनियों से तीसरी तिमाही में कर संग्रहण में भारी गिरावट आई है।