नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग ने टाटा टेलीसर्विसेज का भारती एयरटेल में विलय करने को मंजूरी दे दी है। हालांकि, इसके लिए विभाग ने एक शर्त रखी है कि सुनील मित्तल की अगुवाई वाली कंपनी को 7,200 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी देनी होगी।
एक अधिकारी ने बताया कि दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने 9 अप्रैल को विलय को सशर्त मंजूरी दी है। अधिकारी ने कहा कि मंत्री की मंजूरी के बाद दूरसंचार विभाग ने एयरटेल से 7,200 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी देने को कहा है।
अधिकारी ने कहा कि विलय को रिकॉर्ड पर लेने से पहले दोनों कंपनियों को अदालती मामलों के बारे में अपनी तरफ से वचनबद्धता देनी होगी। इस विलय को तब रिकॉर्ड पर लिया जाएगा, जब एयरटेल एकबारगी एकमुश्त शुल्क के रूप में 6,000 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी दे देगी और साथ ही टीटीएसएल से मिलने वाले स्पेक्ट्रम के लिए 1,200 करोड़ रुपए की और बैंक गारंटी देगी।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सौदे को पूरा करने से पहले टीटीएसएल को काफी छोटी बकाया राशि का भी निपटान करना होगा। प्रस्तावित करार के तहत एयरटेल 19 दूरसंचार सर्किलों में टाटा के उपभोक्ता मोबाइल कारोबार को अपने हाथ में लेगी। इनमें से 17 टीटीएसएल के और दो टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र लि.) के तहत हैं।
इसके अलावा एयरटेल ने टाटा की स्पेक्ट्रम देनदारी के एक छोटे हिस्से की जिम्मेदारी लेने पर भी सहमति दी है। इस विलय से एयरटेल के स्पेक्ट्रम पूल को मजबूती मिलेगी। उसके भंडार में 1800, 2100 और 850 मेगाहर्ट्ज बैंड में 178.5 मेगाहर्ट्ज अतिरिक्त स्पेकट्रम शामिल होगा। इसका 4जी में व्यापक रूप से इस्तेमाल होगा।