नई दिल्ली। टाटा स्टील ने भूषण स्टील को खरीदने के लिए 45,400 करोड़ रुपए की सबसे ऊंची बोली लगाई है। यह बोली जेएसडब्ल्यू लिविंग द्वारा लगाई गई 28,000 करोड़ रुपए की बोली से बहुत अधिक है। दिवाला एवं ऋण शोधन संहिता (आईबीसी), 2016 के तहत निपटने वाला यह पहला मामला है।
सूत्रों ने बताया कि टाटा स्टील ने भूषण स्टील के ऋणदाताओं को 35,300 करोड़ रुपए, जबकि ऑपरेशनल ऋणदाताओं को 1200 करोड़ रुपए की पेशकश की है। टाटा स्टील कार्यशील पूंजी आवश्यकता के लिए 9,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
टाटा स्टील ने एक बयान में बताया कि भूषण स्टील के समाधान पेशेवर से यह सूचना मिली है कि दिवाला एवं ऋण शोधन संहिता के तहत कंपनी ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया के अंतर्गत भूषण स्टील में नियंत्रणकारी हिस्सेदारी हासिल करने को लेकर सर्वाधिक बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी है। बयान में कहा गया है कि ऋणदाताओं की समिति तथा भूषण स्टील के समाधान पेशेवर समाधान योजना पर फिलहाल टाटा स्टील के साथ चर्चा कर रहे हैं।
इस सौदे से टाटा स्टील का ओवरऑल कर्ज और बढ़ जाएगा। दिसंबर तिमाही के अनुसार टाटा स्टील पर कुल 88,000 करोड़ रुपए का सकल ऋण है जो अगले दो-तीन सालों में बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए से अधिक जो जाएगा। 2008 में टाटा स्टील ने एंग्लो-डच कंपनी कोरस के लिए भी बोली लगाई थी। जेएसडब्ल्यू लिविंग जेएसडब्ल्यू और पीरामल एंटरप्राइजेज के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
भूषण स्टील ऑटो-ग्रेड स्टील का निर्माण करती है और इसकी सालाना उत्पादन क्षमता 56 लाख टन है। चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में कंपनी को 1607 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 743 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।