नई दिल्ली। घरेलू इस्पात कंपनी टाटा स्टील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने कहा कि उनकी कंपनी सार्वजनिक क्षेत्र की राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) के अधिग्रहण की इच्छुक है। इस्पात मंत्रालय के तहत आने वाली आरआईएनएल आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में स्थित है और 73 लाख टन क्षमता वाले संयंत्र का संचालन करती है। इसे भारत का पहला तटीय एकीकृत इस्पात संयंत्र होने का गौरव हासिल है।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने 27 जनवरी को आरआईएनएल में सरकार की पूरी हिस्सेदारी के विनिवेश को अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। आरआईएनएल को विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र या विजाग स्टील भी कहा जाता है। आरआईएनएल के अधिग्रहण में टाटा स्टील की दिलचस्पी के बारे में पूछने पर नरेंद्रन ने हां में जवाब दिया। उन्होंने कहा, हां अधिग्रहण के जरिये वृद्धि के साथ ही यह इसलिए भी एक बड़ा अवसर है, क्योंकि यह पूर्व में भी है और दक्षिण में भी है। यह एक तटीय संयंत्र है, इसलिए इसके कई फायदे हैं।
आरआईएनएल के पास लगभग 22,000 एकड़ भूमि है और गंगावरम बंदरगाह तक उसकी पहुंच है, जहां कोकिंग कोल जैसा कच्चा माल आता है। आरआईएनएल भारत के पूर्वी तट पर स्थित है, इसलिए अधिग्रहण से टाटा स्टील को दक्षिण पूर्व एशियाई बाजारों तक अधिक पहुंच मिलेगी। नरेंद्रन ने आगे कहा कि टाटा स्टील ने ओडिशा स्थित इस्पात विनिर्माता नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) के लिए भी अभिरुचि पत्र (ईओआई) जमा किया है।
एनआईएनएल एक संयुक्त उद्यम कंपनी है, जिसमें चार केंद्रीय पीएसयू एमएमटीसी, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी), भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) और मेकॉन, तथा ओडिशा सरकार की दो कंपनियां आईपीआईसीओएल और ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन (ओएमसी) की हिस्सेदारी है।
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